अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मेडिकल में नीट परीक्षा के द्वारा भरे जाने वाली पीजी सीटों में रिक्त 2000 सीटों को भी नीट में मेरिट के आधार पर भरने की मांग करता है। इसी हेतु अभाविप का एक प्रतिनिधिमंडल आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन जी से मिला तथा अपनी मांगें उनके समक्ष रखी।
नीट परीक्षा में प्रत्येक वर्ष 50 परसेंटाइल तक ही छात्रों को पीजी कोर्सेज में एडमिशन देने की पात्रता रखी जाती है । परन्तु परीक्षा के परिणाम को देखते हुए प्रत्येक वर्ष इस पात्रता को पीछे रखकर ही पीजी कोर्सेज में एडमिशन दिए गए हैं। विगत वर्ष भी 34 परसेंटाइल तक को प्रवेश प्राप्त हुआ था। अतः अभाविप का स्पष्ट मत है कि एम.बी.बी.एस तथा एक साल अस्पताल में काम करने के पश्चात भी छात्रों के लिए नीट में 50 परसेंटाइल की पात्रता नहीं होनी चाहिए क्योंकि नीट के परिणाम देखते हुए इस पात्रता पर अमल नहीं हो पा रहा है । इसलिए अभाविप नीट परीक्षा से 50 परसेंटाइल की पात्रता को हटाकर मात्र नीट की मेरिट के आधार पर ही मेडिकल के पीजी कोर्सेज में छात्रों को प्रवेश दिए जाने तथा सभी सीटों को भरे जाने की मांग करती है।
इस मुद्दे पर मेडिविजन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ चिंतन चौधरी ने कहा कि “रिक्त सभी सीटें एक समय पश्चात विश्वविद्यालयों को वापस कर दी जाती है। जिसके परिणास्वरूप निजी विश्वविद्यालय उनको मैनेजमेंट कोटा के अन्तर्गत डोनेशनस प्राप्त कर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। अभाविप शिक्षा के क्षेत्र में व्यापारिकरण का विरोध करती है।”
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री आशीष चौहान ने कहा कि “हमारे देश में चिकित्सकों की आवश्यकता है, ऐसे में मेडिकल के क्षेत्र में रिक्त सीटें चिंता का विषय है इसलिए उनका भरा जाना आवश्यक है। साथ ही नीट की परीक्षा में छात्रों द्वारा अपेक्षित अंक न ला पाना मेडिकल क्षेत्र में एम.बी.बी.एस की शिक्षा के स्तर पर सवाल खड़ा करता है। अभाविप केंद्र सरकार से स्पष्ट मांग करता है कि नीट परीक्षा में परसेंटाइल का आधार हटाकर मेरिट के आधार पर सभी सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिया जाए।”