लखनऊ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, अवध प्रान्त कोरोना महामारी के दौरान सेवा कार्य के साथ साथ व्याख्यानों की श्रृंखला आयोजित कर रहा है। इसी कड़ी में अभाविप अवध प्रान्त के द्वारा रविवार को कोरोना महामारी के दौरान उच्च शिक्षण संस्थान की भूमिका विषय पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक राय ने अपना मत रखा।
आलोक राय ने कहा कि विश्वविद्यालय समाज का अंग है इसलिए विश्वविद्यालयों को इस महामारी के दौरान इस महामारी से बचाव के लिए समाज हित में कार्य करना चाहिए। इसका उदहारण देते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने महामारी की शुरुआत में ही एक सेनेटाईजर बनाया जिसकी टेक्नोलॉजी का MOU भी साईन किया गया है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपना कार्य स्टूडेंट सैन्ट्रिक रखना चाहिए। लॉकडाउन में छात्र पढ़ नहीं पा रहे हैं तो छात्रों को ऑनलाइन क्लास के साथ साथ स्टूडेंट को ओपन एक्सेस में लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान करनी चाहिए, जिससे छात्र क्लास के अतिरिक्त रिसोर्स का भरपूर इस्तेमाल कर सके। ऑनलाइन टीचिंग के स्तर को भी बढाया जाये ताकि बच्चों को मददगार कंटेंट मिल सके।
इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय इस महामारी में एक कम्युनिटी किचेन चला रहा है जिसका 80 फीसदी भोजन सरकार की सहायता से जरुरतमंदों को प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डायल 112 के पुलिस कर्मियों को निशुल्क मानसिक सहायता भी विश्वविद्यालय के शिक्षकों के द्वारा प्रदान की जा रही है।
इस लाइव सेशन में हजारों की संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों ने सहभागिता की। इस सेशन में सैकड़ों की संख्या में छात्रों प्रश्न पूछें और कुलपति ने उनका जवाब दिया। यह सेशन 10 हजार लोगों के द्वारा देखा जा चुका है तथा इस सेशन की रीच 30 हजार रही है।