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अभाविप जेएनयू आयोजित कर रहा स्वराज पखवाड़ा, 1-15 अगस्त तक लेखों द्वारा बताई जाएगी इतिहास में गुम हुए क्रांतिकारियों की कहानी

छात्रशक्ति डेस्क

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जवाहरलाल  नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) इकाई और बाल्मीकी स्टडी सर्कल के संयुक्त तत्वाधान में जेएनयू में इस वर्ष स्वतन्त्रता दिवस को मनाने का अनूठा प्रयास किया जा रहा है। अभाविप ने बताया कि सर्वविदित है कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में देश के हर तबके, हर कोने और हर समाज के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी आहूति स्वतन्त्रता संघर्ष रूपी यज्ञ में अर्पित की। लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम स्वतन्त्रता संग्राम के पुरोधाओं में से केवल कुछ को ही याद कर पाते हैं। अकादमिक बहसों में, आलेखों में, पाठ्यक्रमों में और सत्ता के गलियारों में भी केवल कुछ चुनिन्दा चेहरों के बारे में ही बात हो पाती है। कभी इस विवशता का कारण विचारधारागत राजनीति होता है, तो कभी पर्याप्त जानकारी का अभाव।

इसी दुर्भाग्यपूर्ण चक्र को तोड़ने के लिए अभाविप जेएनयू ने यह तय किया है। इकाई अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने बताया कि “इस वर्ष हम स्वतन्त्रता दिवस मात्र 15 अगस्त को मनाने की बजाय, अगस्त के पहले पखवाड़े को ही ‘स्वराज पखवाड़ा’ के नाम से सोत्साह मनाएंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा प्रयास है कि देश के अलग अलग हिस्सों से स्वराज के लिए बलिदान हुए वाले उन नायकों/ नायिकाओं के बारे में वार्तालाप की शुरुआत हो जो अभी तक साहित्य और विमर्श का हिस्सा नही बन पाए हैं।”

इकाई मंत्री गोविंद दांगी ने बताया कि “इस क्रम में अभाविप और वाल्मीकि स्टडी सर्कल को मीडिया पार्टनर के रूप में ‘छात्रशक्ति’ का सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम की प्रगति की सूचना समय-समय पर अपडेट की जाती रहेगी।”

कार्यक्रम की रूपरेखा यह है कि एक अगस्त से शुरू करके पंद्रह अगस्त तक प्रत्येक दिन किसी एक नायक/नायिका के बारे में लेख छात्रशक्ति के पोर्टल पर पर संपादित किया जाएगा। विदित हो कि ये लेख जेएनयू के ही विद्यार्थियों द्वारा लिखे जा रहे हैं।

 

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