नई दिल्ली । 20 सितंबर को अनिता चौधरी नाम की महिला ने दक्षिणी दिल्ली स्थित अकीला रेस्तरां पर आरोप लगाया कि उन्हें साड़ी पहने होने के कारण रेस्तरां में प्रवेश नहीं दिया गया। उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी। पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘दिल्ली का एक रेस्तरां हैं जहां पर साड़ी को स्मार्ट परिधान नहीं माना जाता है। इस रेस्तरां का नाम ‘अकीला’ ह।. हमने साड़ी को लेकर बहस की और कई तर्क दिए, लेकिन रेस्तरां में प्रवेश करने नहीं दिया गया, क्योंकि भारतीय परिधान- साड़ी को स्मार्ट परिधान नहीं माना गया ।मैंने कभी इस तरह से अपमानित महसूस नहीं किया था। मैं व्यथित महसूस कर रही हूं।’
Saree is not allowed in Aquila restaurant as Indian Saree is now not an smart outfit.What is the concrete definition of Smart outfit plz tell me @AmitShah @HardeepSPuri @CPDelhi @NCWIndia
Please define smart outfit so I will stop wearing saree @PMishra_Journo #lovesaree pic.twitter.com/c9nsXNJOAO— Anita Choudaary (@anita_choudaary) September 20, 2021
अनीता चौधरी के साथ हुए इस घटना के बाद लोगों में गुस्सा व्याप्त है। गुरुवार को भारी संख्या में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रेस्तरां के खिलाफ जमकर विरोध किया। अभाविप की छात्रा कार्यकर्ता दिल्ली के अक्विला रेस्तरां में साड़ी पहनकर गई महिला को अंदर जाने से रोकने के विरोध में रेस्ट्रॉन्ट के सामने प्रदर्शन किया।
अभाविप की प्रांत छात्रा प्रमुख वैलेंटीना भ्रम्मा ने कहा “बीते दिनों भारत की राजधानी दिल्ली के अकीला रेस्तरां में एक महिला को अंदर जाने पे सिर्फ इसीलिये रोका गया कि उसने साड़ी पहन रखी थी, बहुत ही निंदनीय है। अभाविप इस घटना का पुरजोर विरोध करती है, साथ ही साथ सरकार से ऐसे रेस्तरां के खिलाफ कड़ी करवाई करने की मांग करती है जो किसी भी प्रकार से भारतीय संस्कृति, भारतीय परिधान का अपमान करती हो। हमने आज भारतीय परिधान में होटल में प्रवेश किया और उनकी सोच को तोड़ने का काम किया।”
प्रदर्शन के दौरान उपस्थित अभाविप दिल्ली के प्रांत मंत्री एवं राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने कहा, “भारत स्वाधीनता के 75वे वर्ष में है परंतु आज भी कुछ लोगों की सोच ग़ुलाम है। हमारी लड़ाई इस ग़ुलाम ‘कलोनीयल मानसिकता’ को हराने की है। साड़ी एक महिला की शान है और देश की राजधानी में ऐसी घटना बहुत निंदनीय है। हम देश के सभी प्रगतिशील विचार के लोगों की आवाज़ बनकर ऐसी संकुचित मानसिकता के लोगों को संदेश देने में सफल हुए हैं।”
प्रदर्शन के बाद रेस्तरां के मैनेजर द्वारा माफी मांगी गई तथा आगे ऐसी कोई भी घटना जो भारतीय संस्कृति को क्षिप्त या अपमान करती हो को ना करने का आश्वासन भी दिया।