अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपने पूर्व के सभी कीर्तिमानों को ध्वस्त करते हुए नया इतिहास रचा है, विद्यार्थी परिषद की सदस्यता 45 लाख पार कर गई है। विद्यार्थी परिषद के साढ़े सात दशक में कभी भी इतनी सदस्यता नहीं हुई थी। इस प्रकार एक बार फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन का गौरव बरकरार रखते हुए ऐतिहासिक सदस्यता की है।
महाराणा प्रताप नगर, जयपुर में चल रहे अभाविप के 68 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में महामंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अभावप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि अब तक प्राप्त आंकड़े के अनुसार इस वर्ष परिषद की सदस्यता 45 लाख, 46 हजार 8 सौ 45 हुई है, जो अब तक की अधिकतम संख्या है। प्रतिवेदन प्रस्तुति के दौरान वर्ष 2021-22 के आंकड़े को बताते हुए उन्होंने कहा कि वृक्ष मित्र अभियान के तहत परिषद के द्वारा 2286405 वृक्षारोपण किया है। वहीं एक गांव – एक तिरंगा अभियान के तहत 51 हजार से अधिक गांवों में तथा 16 हजार से अधिक बस्तियों में तिरंगा फहराया गया। अन्य संगठनों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा जहां एक ओर कई संगठन के नेता खराबे में लगे रहते हैं वहीं विद्यार्थी परिषद के द्वारा रक्तगट अभियान के तहत 12 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं के रक्त गट की जांच की गई। छात्राओं को आत्मरक्षार्थ हेतु देश भर के कई प्रांतों में मिशन साहसी का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में छात्राओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे। सुश्री त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों की समस्याओं को उठाने से लेकर समाधान की बिंदु तक पहुंचाने का कार्य विद्यार्थी परिषद करती है। प्रतिवेदन के दौरान युवा दिवस, राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस, समरसता दिवस समेत अन्य कार्यक्रम के आंकड़े भी प्रस्तुत किए। महामंत्री प्रतिवेदन के बाद सत्र 2022 -23 के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की गई। नए सत्र के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही एवं महामंत्री के लिए याज्ञवल्क्य शुक्ल निर्वाचित हुए हैं।