अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, देश के विभिन्न राज्यों में छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा मंत्रालय से शीघ्र कदम उठाने की मांग करती है। बीते दिनों में राजस्थान के कोटा शहर सहित दिल्ली, मुंबई,पुणे, वाराणसी आदि शहरों से छात्रों द्वारा आत्महत्या जैसे अति दुखद कदम उठाने की घटनाएं सामने आईं हैं।
अभाविप केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ राज्य सरकारों से मांग करती है कि बीते वर्षों में जिस प्रकार से छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई, उसे संज्ञान में लेकर विस्तृत तथा शीघ्र जांच कर इस दिशा में कदम शीघ्र उठाए जाएं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार 2019-2021 के बीच देश में 35,950 छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की अति दुखद घटनाएं हुईं हैं।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि कोचिंग हब बन चुके शहरों के अलावा आईआईटी, राज्य विश्वविद्यालयों तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालयों आदि से छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं। शिक्षा मंत्रालय को ऐसे मामले रोकने के लिए नीतिगत स्तर पर पहल करनी होगी। मनोचिकित्सकों की कमी,मेंटल हेल्थ केयर सेंटर के प्रभावी न रहने आदि प्रमुख कारण स्थिति को और विषम बना रहे हैं। अभाविप मांग करती है कि मेंटल हेल्थ केयर सेंटर बढ़ाए जाएं, शैक्षणिक संस्थानों में मनोचिकित्सक नियमित उपलब्ध हो तथा आत्महत्या से बचाव के लिए हेल्पलाइन प्रभावी करने के साथ जांच आधारित व्यवहारिक कदम शीघ्र उठाए जाएं।