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एएमयू तथा जामिया की प्रवेश प्रक्रिया में एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग को मिले सामाजिक न्याय: अभाविप

छात्रशक्ति डेस्क

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के माध्यम से स्नातक स्तरीय सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने से पीछे हट रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों को उनकी प्रवेश संबंधी योजना पर पुनर्विचार करने की मांग करती है, ध्यातव्य हो कि जामिया तथा एएमयू स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों के लिए अपनी अलग प्रवेश परीक्षा करवाने तथा कुछ ही पाठ्यक्रमों में सीयूईटी यूजी के माध्यम से प्रवेश देने की योजना बना रहे हैं। साथ ही अभाविप मांग करती है कि एएमयू तथा जामिया में संविधान में निर्धारित व्यवस्था के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू हो, जिससे इन दोनों विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके।

गौरतलब है कि बीते सत्र से ही सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिए सीयूईटी को यूजीसी द्वारा अनिवार्य कर दिया गया था, विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी सीयूईटी के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया संपन्न हुई थी। साथ ही परास्नातक स्तर पर भी अधिकतर केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में सीयूईटी-पीजी के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया देने की योजना मूर्त रूप ले रही है। छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया सुगम हो सके, इसलिए अभाविप मांग करती है कि सीयूईटी के संबंध में सभी हितधारक विचार करें और छात्रों के हितों को सर्वोपरि रखें।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों सहित दूसरे विश्वविद्यालयों में भी प्रवेश प्रक्रिया को बेहतर तथा पारदर्शी बनाने की दिशा में सीयूईटी महत्वपूर्ण है, प्रवेश प्रक्रिया में एकरूपता आने से छात्रों को कई तरह की सहूलियतें हुई हैं, ऐसे में अगर एएमयू और जामिया जैसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीयूईटी से इतर प्रवेश परीक्षा कराएंगे तो छात्रों को दिक्कतें होंगी। अभाविप मांग करती है कि इस संदर्भ में यूजीसी यह सुनिश्चित करे कि सभी स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रमों में प्रवेश सीयूईटी से किए जाएं तथा परास्नातक स्तर पर भी छात्रों के लिए प्रवेश संबंधी प्रक्रिया को आसान बनाया जाए। साथ ही एएमयू व जामिया, एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के छात्रों को संविधान में निर्धारित आरक्षण व्यवस्था के अनुसार आरक्षण दें।

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