अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) के निर्वतमान अध्यक्ष भूषण पटवर्धन द्वारा इस्तीफे दिए जाने के दौरान कुछ उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा “अनुचित ढंग” से ग्रेडिंग प्राप्त करने संबंधी आरोपों सहित भ्रष्टाचार आदि अन्य उठाए गए प्रश्नों की सत्यता की जांच कर विषय की सत्यता को सार्वजनिक करने की मांग करती है।
हाल ही में विभिन्न राज्यों में नैक(NAAC) ग्रेडिंग के आधार पर आर्थिक संसाधनों के निर्धारण आदि पर चर्चा चल रही है,तब ग्रेडिंग की पारदर्शिता पर उठे प्रश्न गंभीर हैं। नैक (NAAC) की स्वायत्तता सहित पारदर्शिता, शुचिता अनेक बिंदुओं पर आदर्श स्थिति बनानी होगी।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि,” नैक के निर्वतमान अध्यक्ष भूषण पटवर्धन द्वारा प्रगट किए गए भ्रष्टाचार तथा कुछ संस्थानों की ग्रेडिंग प्रणाली में अनियमितता आदि आरोपों की शीघ्र जांच कर सत्यता को यूजीसी स्पष्ट करे। भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली परिवर्तनकारी दौर में है, ऐसे में विभिन्न नियामकों के मध्य समन्वय स्थापित कर शिक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास दिखने चाहिए। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण है, ऐसे में इसको लेकर उठ रहे प्रश्नों की शीघ्र जांच होनी चाहिए।”