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अमृत काल में भारत जो भी करने का सोचेगा, सफल होगा- नरेंद्र सिंह तोमर

छात्रशक्ति डेस्क

 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आयाम एग्रीविजन का ‘स्वावलंबी कृषि-आत्मनिर्भर भारत’ थीम आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में सम्पन्न हुआ। शनिवार को एग्रीविजन के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में देश भर से उपस्थित विद्यार्थियों,कृषि अकादमिकों,कृषि वैज्ञानिकों आदि को देश के केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने संबोधित किया। इस सम्मेलन में देशभर के प्रमुख कृषि शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों से 400 से अधिक छात्रों, प्राध्यापकों ने सहभागिता की तथा विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र आदि प्रस्तुत हुए।

इस सम्मेलन में कृषि संबंधित महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुए जिसमें प्रमुख रूप से , कृषि क्षेत्रों में व्याप्त अनियमितता के खिलाफ एग्रीकल्चर काउंसिल ऑफ इण्डिया के स्थापना की मांग, कृषि विश्वविद्यालयों में स्थायी प्राध्यापकों की नियुक्ति की मांग तथा श्री अन्न के योजना में एमएसपी को लागू करने जैसे विषय शामिल हैं।

समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान हमारा पेट भरता है, तो उसे हम संपन्न, समृद्ध या अन्नदाता किसान क्यों नहीं कह सकते, किसानों को गरीब कहने की बजाय उनकी प्रतिष्ठा में चार चांद लगाना चाहिए। कृषि क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है, हमारे देश की रीढ़ है। हमारे जो किसान व वैज्ञानिक कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं, वे अभिनंदन के पात्र है, उन्हें सदैव प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

अभाविप के आयाम एग्रीविजन के राष्ट्रीय संयोजक शुभम सिंह पटेल ने कहा कि एग्रीविजन कृषि क्षेत्र की बेहतरी की दिशा में निरंतर कार्यरत है । कृषि क्षेत्र को नवीन तकनीकी से उन्नत बनाने की आवश्यकता है ताकि यह क्षेत्र लाभकारी क्षेत्र के रूप में विकसित हो सके। आज विभिन्न प्रयासों से तथा वैज्ञानिक शोधों से कृषि क्षेत्र में प्रगति हुई है ,अनुसंधान से देश के सभी किसानों को लाभ मिले इस दिशा में हमें सभी हितधारकों को मिलकर सोचना होगा। एग्रीविजन का यह सम्मेलन बहुत सफल रहा है, आशा है कृषि विषयक कौशल विकास से सक्षम युवा देश की कृषि व्यवस्था का नेतृत्व करेंगे तथा विश्व की नवीन आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि क्षेत्र में प्रयास होंगे।

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