रायपुर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में हुई धांधली, प्रदेश में महिलाओं के लगातार बढ़ते उत्पीड़न सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर हजारों की संख्या में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से विद्यार्थी रायपुर पहुंचे और सरकार की विफलताओं तथा भ्रष्टाचार का विरोध किया। भूपेश बघेल सरकार द्वारा परीक्षाओं को पारदर्शी ढंग से करा पाने असफलता तथा अक्षमता से गुस्साए प्रदेश के छात्र सीएम आवास के पास पहुंचे और सरकार की विफलताओं पर जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने लोकतांत्रिक प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठी चार्ज किया तथा उन्हें सड़क पर घसीटकर मारपीट की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, छत्तीसगढ़ सरकार की विफलताओं तथा लोकतांत्रिक प्रदर्शन में छात्रों के साथ राज्य प्रायोजित पुलिसिया दमन का विरोध करती है।
अभाविप राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में हर स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिन भी रिक्त पदों पर भर्तियां आती हैं उसमें प्रदेश में पद पर आसीन मंत्रियों द्वारा अपने करीबियों को दिलवा दिया जाता है। पीएससी 2022 परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में गड़बड़ी के उजागर होने से पीएससी परीक्षा के लिए दिन-रात एक कर देने वाले युवाओं को न केवल निराशा और दुःख हुआ बल्कि वे आक्रोशित भी हैं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गड़बड़ी की आशंका को प्रथमदृष्ट्या न नकारना भी गड़बड़ी के संदेह को ही पुष्ट करता है। ऐसे में अभाविप द्वारा किए गए इस आंदोलन में प्रदेश भर से लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और पुलिस प्रशासन द्वारा बनाए जाने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी व अपनी गिरफ्तारी दी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि,” छत्तीसगढ़ में भूपेश पटेल की सरकार रोज़ नए घोटाले किए जा रही है, प्रदेश में हर स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। यहां जनता की सेवा करने की जगह प्रदेश के नेता खुद के घर की सेवा करने में मस्त हैं, जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं की सुरक्षा हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं उल्टा महिला संबंधी अपराधों में प्रदेश के नेता स्वयं संलिप्तता रही है। प्रदेश में जल्दी भर्तियां नहीं आती हैं और आती है तो मनमाने ढंग से अपने परिवारजनों को रिक्त पदों पर बैठा, आम छात्र का हक़ छीन लिया जाता है। अभाविप की यह रैली सरकार को सख्त हिदायत देने को है कि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करे अन्यथा जनता भूपेश सरकार को उठा फेंकने का काम करेगी।”
अभाविप छत्तीसगढ़ प्रदेश मंत्री श्री मनोज वैष्णव ने कहा कि सीजीपीएससी की 2021 परीक्षा में पीएससी चेयरमैन समेत कई अधिकारियों और नेताओं के बेहद करीबी रिश्तेदारों की भर्ती के बाद अब 2022 पीएससी परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में गड़बड़ी के उजागर होने से पीएससी परीक्षा के लिए दिन-रात एक कर देने वाले युवाओं को न केवल निराशा और दुःख हुआ बल्कि वे आक्रोशित भी हैं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गड़बड़ी की आशंका को प्रथमदृष्ट्या न नकारना भी गड़बड़ी के संदेह को ही पुष्ट करता है। इससे पीएससी की विश्वसनीयता को जो अपूरणीय क्षति हुई, वह तो शोचनीय है ही। ऊपर से प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह कहना कि अबतक किसी परीक्षार्थी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई, युवाओं को उद्वेलित करने के लिए पर्याप्त है।
श्री मनोज वैष्णव ने आगे कहा कि राजधानी रायपुर समेत प्रदेश भर से आज चाकूबाजी, हत्या, लूट आदि आपराधिक मामलों के समाचारों की बाढ़-सी आ गई है। दिन ढलने के बाद लोगों को बाहर निकलने से पहले विचार करना पड़ रहा है। और एक तरफ प्रदेश सरकार है, जो अपराधियों को रोकने की बजाए उन्हें संरक्षण दे रही दे रही है, उन्हें बढ़ावा दे रही है। और-तो-और प्रदेश के गृहमंत्री ने आज तक इन अपराधों और अपराधियों के प्रति सख्त रूख दिखाना तो दूर, उनकी निन्दा तक नहीं की।
अभाविप छत्तीसगढ़ इकाई की प्रदेश सह-मंत्री राशि त्रिवेदी ने कहा कि,”प्रदेश में छात्राओं-महिलाओं के साथ-साथ छोटी बच्चियों के विरुद्ध बढ़ते यौन अपराधों ने उनमें असुरक्षा का भाव भर दिया है। समाचारपत्र बलात्कार, घरेलू हिंसा, हत्या आदि के समाचारों से अटे पड़े हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में लगातार विफल रही है। यदि हम आंकड़ों की ओर देखें तो पता चलता है कि NCRB की रिपोर्ट के अनुसार अकेले वर्ष 2021 में बलात्कार के 1093 केस दर्ज किए गए थे। ध्यान रहे कि यह दौर कोविड-19 की महामारी के दौर का था। इसी तरह पिछले एक साल में पॉक्सो कानून के अंतर्गत 2361 मामले दर्ज किए गए, जो निश्चित रूप से समाज के लिए चिंता का विषय है। लेकिन सरकार को इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता। महिलाओं -छात्राओं बच्चियों के साथ दुष्कर्म की निरंतर बढ़ती घटनाएं सरकार के ढीले रवैए को साफ़-साफ़ दिखाती है। इतना ही क्यों, इन अपराधों की सबसे बड़ी वजह है शराब, और शराबबंदी करने का वचन देकर सत्ता की सीढ़ी चढ़ने वाले मुख्यमंत्री ने उल्टे पूरी सरकार को ही शराब बेचने में लगा दिया। महासमुन्द में घरेलू हिंसा से पीड़ित एक महिला द्वारा अपनी बच्चियों को लेकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने का वाकया लोगों को अबतक याद है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भूपेश बघेल सरकार की युवा विरोधी नीतियों का डटकर विरोध करेगी।
उल्लेखनीय है कि परिषद् लगातार उपर्युक्त विषयों को लेकर जांच व उचित कार्रवाई करने का आग्रह करती रही है। पीएससी मामले में भी परिषद् ने सभी जिला कलेक्टरों से लेकर मुख्यमंत्री तक और यहां तक कि राज्यपाल के समक्ष भी जांच करवाने की मांग रखी, लेकिन सरकार और मुख्यमंत्री बघेल ने इस दिशा मे कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत तथा अभाविप की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश मंत्री मनोज वैष्णव सहित हजारों की संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों विद्यार्थियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया।