अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दिल्ली का 59 वां प्रांत अधिवेशन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छत्रपति शिवाजी नगर के वेद प्रकाश नंदा सभागार में संपन्न हुआ। इस एक दिवसीय प्रांत अधिवेशन में दिल्ली के अलग-अलग विभागों से आए 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने शिक्षा, समाज एवं पर्यावरण पर सार्थक चर्चा की। अधिवेशन का उद्घाटन मुख्य अतिथि एयर कमोडोर कार्तिकेय काले (अति विशिष्ट सेवा मेडल), विशिष्ट अतिथि अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत, अभाविप राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल, अभाविप प्रांत अध्यक्ष तपन बिहारी, प्रांत मंत्री हर्ष अत्री, स्वागत समिति अध्यक्ष डॉ. धीरज कुमार, स्वागत मंत्री डॉ. अमिताभ ठाकुर, जेएनयू इकाई अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा एवं जेएनयू इकाई मंत्री विकास पटेल द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
जीवन में लीडरशिप का होना जरूरी : एयर कमाडोर कार्तिकेय काले
उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एयर कमाडोर कार्तिकेय काले ने कहा कि अभाविप युवाओं में नेतृत्व क्षमता को विकसित करने का काम कर रही है, अभाविप से मेरा पारिवारिक रिश्ता है। स्वामी विवेकानंद के विचारों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता के लिए निष्ठावान होना जरूरी है। मैं भारत के छात्रों से कहना चाहूंगा कि नेतृत्व को नेतागिरी से ना जोड़ें। नेतृत्व परिवार, समाज, राष्ट्र हर स्तर पर होता है। घर में मां नेतृत्व करती है, जीवन में भाई आपका नेतृत्व कर सकता है, समाज में आपका मित्र आपका नेतृत्व कर सकता है। उसी प्रकार एक छात्र पूरे राष्ट्र को नेतृत्व सकता है। जीवन में लीडरशिप का होना जरूरी है। लीडरशिप की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि हर गलती के साथ सीखना, अपनत्व से साथ निर्णय लेना ही लीडरशिप है।
भारत भक्ति संकल्प के साथ आगे बढ़े युवा : प्रफुल्ल आकांत
अधिवेशन के विशिष्ट अतिथि अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि अभाविप ने अधिकतम लोगों की सहभागिता के साथ देश को खड़ा करने की संकल्प शक्ति को जागृत करने काम किया। उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है, औपनिवेशिकता की मानसिकता से बाहर निकल रहा है युवाओं को भारत भक्ति संकल्प के साथ आगे बढ़न की आवश्यकता है। दुनिया का सबसे युवा देश भारत है। यह अमृत काल का कालखंड है, जिसमें भारत को भारत बनाने का काम किया जा रहा है। एक समय था जब भारत को रूस, अमेरिका और जर्मनी बनाने की बात की गई। शुरूआती कालखंड का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के पश्चात भारत में भारतीय भाषा में शिक्षा देने की आवश्यता थी, जिसे पूरी नहीं की गई। खैर ! जो काम पहले नहीं हुए उसे अब पूरा किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि अब भारतीय छात्र अपनी भाषा में पढ़कर डॉक्टर और इंजीनियर बन सकेंगे। यह हमारा समय है। भारत को भारत बनाने का कालखंड चल रहा है। भारत भक्ति के संकल्प के साथ युवाओं को आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
परिवार की तरह है अभाविप : तपन बिहारी
अभाविप के नवनिर्वाचित प्रांत अध्यक्ष तपन बिहारी ने विद्यार्थी परिषद से जुड़े अपने संस्मरण को सुनाए और कहा कि मुझ जैसे समान्य कार्यकर्ता को दिल्ली के महत्वपूर्ण प्रांत का अध्यक्ष बनाया जाना सौभाग्य की बात है। ऐसा अभाविप में ही हो सकता है। 23 सालों से, मैंने विद्यार्थी परिषद को अपने शिक्षक एवं परिवार की तरह देखा है। उन्होंने कहा कि अभाविप अपने प्रत्येक कार्यकर्ताओं को परिवार की तरह देखभाल करती है।
मजबूती के साथ फैली रही है राष्ट्रवाद की जड़े : हर्ष अत्री
अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने कहा कि अभाविप दिल्ली के प्रांत अधिवेशन का जेएनयू अयोजन होना हम सभी के लिए हर्ष एवं गर्व का विषय है। टुकड़े -टुकड़े गैंग वाले मुट्ठी भर लोगों के तथाकथित गढ़ में केसरिया ध्वज का लहराना इस बात का सूचक है कि राष्ट्रवाद की जड़ें मजबूती के साथ फैल रही है। आज हमने विद्यार्थी परिषद द्वारा दिल्ली में शिक्षा एवं समाज क्षेत्र में किए गए कार्यों की समीक्षा की एवं आगे की करणीय कार्यों की रुपरेखा बनाई।
अधिवेशन की शुरूआत ध्वजारोहण के साथ हुआ उसके पश्चात मंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन के पश्चात निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की गई। निर्वाचन पदाधिकारी अभाविप की पूर्व महामंत्री निधि त्रिपाठी ने नव निर्वाचित प्रांत अध्यक्ष तपन बिहारी एवं पुनर्निवाचित प्रांत मंत्री हर्ष अत्री के नाम की घोषणा की। निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उद्घाटन सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें अतिथियों एवं अभाविप पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर अधिवेशन का उदघाटन किया गया। स्वागत समिति अध्यक्ष एवं ग्रासरूट इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक डॉ. धीरज कुमार ने स्वागत भाषण में अधिवेशन में आए सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत किया तथा स्वागत मंत्री वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अमिताभ ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापति किया।
खून की स्याही से लिखा इतिहास मिटाया नहीं जा सकता : राम कुमार
समापन सत्र को संबोधित करते हुए अभाविप दिल्ली प्रांत के संगठन मंत्री राम कुमार ने कहा कि संगठन विस्तार में बढ़ रहे आंकड़े केवल आंकड़ा नहीं अपितु कैंपस में बढ़ रहे छात्रों के देशभक्ति रूपी ज्वार हैं। अयोध्या में बने भव्य श्रीराम मंदिर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने राम के होने पर प्रश्न खड़ा किया था, उनलोगों को मैं कहना चाहता हूं कि खून की स्याही से लिखे हुए इतिहास को कभी मिटाया नहीं जा सकता।
अधिवेशन में कुल चार सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र प्रस्ताविक, मंत्री प्रतिवेदन एवं निर्वाचन था, दूसरा सत्र उद्घाटन सत्र था। तीसरे सत्र सत्र में समूह सह सत्र हुआ। अधिवेशन के चौथे सत्र में व्यवस्था परिचय एवं नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई। अधिवेशन में 500 से अधिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही।