जेएनयू में अभाविप ने भारतीय राष्ट्रीय गान का अपमान करने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और डीएमके सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया और एमके स्टालिन का पुतला दहन किया। यह विरोध प्रदर्शन तमिलनाडु विधानसभा में राष्ट्रगान के प्रति एमके स्टालिन एवं उनके सहयोगियों द्वारा अपमान के विरोध में किया गया था। इस प्रदर्शन में जेएनयू के अनेकों छात्रों ने अभाविप के कार्यकर्ताओं के साथ भाग लिया।
अभाविप के कार्यकर्ताओं ने स्टालिन सरकार से राष्ट्रगान के अपमान के लिए माफी मांगने और केंद्र सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। राष्ट्रीय गान के सम्मान में परिषद के कार्यकर्ताओं ने साबरमती ढाबे पर राष्ट्रगान भी गायन किया।
मौके पर मौजूद अभाविप-जेएनयू अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा, “तमिलनाडु सरकार का राष्ट्रगान के प्रति रवैया घोर निंदनीय है। राष्ट्रगान किसी व्यक्ति विशेष का नही यह संवैधानिक रूप से पूरे देश के सम्मान का प्रतीक है, इसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि लाखों भारतीयों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व भी करता है। हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह राष्ट्रगान के प्रति इस तरह के अनादर को रोके और इस संबंध में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। राष्ट्रगान का सम्मान किसी भी राजनीतिक लाभ से ऊपर होना चाहिए।”
वहीं अभाविप-जेएनयू के इकाई मंत्री विकास पटेल ने कहा, “स्वसत्ता के मद में डूबी तमिलनाडू सरकार के मुख्यमंत्री को इस कुकृत्य की माफी पूरे देश से मांगनी चाहिए। हम इस विश्वविद्यालय के साथ-साथ देश के सभी छात्र समुदाय से आग्रह करते हैं कि वे इस तरह के अपमानजनक कृत्यों के खिलाफ खड़े हों और राष्ट्रगान के सम्मान की रक्षा करें। राजनीतिक भेदभाव से ऊपर उठकर हमें राष्ट्रीय गौरव के प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए।”