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अयोध्या : अभाविप ने सिद्धार्थन की न्याय हेतु किया विरोध प्रदर्शन, एसएफआई का फूंका पुतला, बैन करने की मांग

अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि केरल में एसएफआई के अत्याचार से पीड़ित मृतक छात्र सिद्धार्थन को न्याय हेतु अभाविप प्रतिबद्ध है। परिषद यह मांग करती है कि एसएफआई प्रतिबंधित किया जाय।
छात्रशक्ति डेस्क

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अयोध्या महानगर के डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय इकाई द्वारा केरल के छात्र सिद्धार्थन को न्याय दिलाने व उनकी मृत्यु की जिम्मेदार एसएफआई को बैन करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर एसएफआई का पुतला दहन किया गया।अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि एसएफआई के कार्यकर्ताओ द्वारा सिद्धार्थ के साथ मारपीट की गई व उन्हें बर्बरतापूर्वक शारीरिक व मानसिक यातनाएं दी गई।केरल सरकार द्वारा अपराधियों को बचाना व इस घटना को केवल आत्महत्या का स्वरूप देकर जांच मे हीलाहवाली करना केरल सरकार की संवेदनहीनता को दिखाता है।अभाविप द्वारा इस विषय को राष्ट्रीय पटल पर उठाने के बाद सीबीआई को जांच सौंपी गई।एसएफआई का चरित्र परिसर में विद्यार्थियों को उनकी स्वच्छंदता को समाप्त करके व दबाव बनाकर उन्हे जबरन अपने अनुरूप व्यवहार करने के लिए विवश करने का रहा है।सिद्धार्थ की मृत्यु के केंद्र में एसएफआई के अपराधियों का यही चरित्र है।अभाविप विद्यार्थी हित में सदैव संकल्पित रही है इसी क्रम में अभाविप कार्यकर्ता आज पूरे देशभर में विश्वविद्यालय परिसरों में सिद्धार्थन को न्याय दिलाने व एसएफआई को प्रतिबंधित करने हेतु विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

महानगर मंत्री सत्यम दूबे ने कहा कि अभाविप माँग करती है कि उन सभी साधनों एवं तंत्रो की सुनिश्चितता की जाय जिससे पशु चिकित्सा समुदाय के छात्र जे. एस. सिद्धार्थन को न्याय मिल सकें। यह घटना अत्यंत हृदय विदारक है एसएफआई की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है।

प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से सेवार्थं विद्यार्थी सहसंयोजक अर्पित श्रीवास्तव, विभाग सहसंयोजक अंशुमान सिंह ,महानगर सहमंत्री शंशाक विद्यार्थी ,स्कूली शिक्षा अभियान संयोजक आशुतोष राणा, कार्यलय मंत्री दुर्गेश तिवारी, ,इकाई मंत्री शेषमणि, अंशुमान शुक्ला, नगर सहमंत्री किशन सिंह ,इकाई उपाध्यक्ष ऋषभ पांडे, पूर्व जिला संयोजक अंकुर सिंह योगेंद्र ,विस्तारक अश्वनी मौर्य, हर्ष उपाध्याय आदि उपस्थित रहे ।

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