भारत सरकार ने नागरिकता संसाधन कानून(सीएए) को लागू कर दिया था इससे संबंधित पोर्टल को भी लॉन्च कर दिया गया। सीएए लागू करने के निर्णय का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्वागत किया है। अभाविप ने कहा है कि यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए अल्पसंख्यक समुदाय के लिये नवीन जीवन दिशा प्रदान करेगा, भारत में नागरिकता संशोधन कानून मानवता के पक्ष की बहुत बड़ी जीत है।
हिन्दू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन पंथ के लोगों के साथ पाकिस्तान , अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश में अत्यधिक भेदभाव हुआ, जिसके कारण इन देशों से शरणार्थी के रूप में आए लोगों के लिए सीएए जैसे कानून की आवश्यकता थी। शरणार्थियों को सीएए द्वारा नागरिकता प्रदान कर मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयास से भारत ने ‘सर्वे भवन्तु सुखिन’ के भाव को पुनः चरितार्थ करते हुए उन्हें समान अवसर तथा मानवीय गरिमा के अनुरूप जीवन जीने के अधिकार के पथ पर प्रशस्त किया है।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश के तमाम राजनैतिक दलों ने भ्रम फैलाने का प्रयास किया लेकिन देश की जनता इस कानून के पक्ष में है। कुछेक शैक्षणिक संस्थानों में अतिवादी समूहों ने सीएए को लेकर झूठ फैलाने के प्रयास किए हैं, लेकिन कानून को लेकर जनता के बीच स्पष्टता ऐसे नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। विद्यार्थी परिषद, देश के शैक्षणिक संस्थानों में सीएए से जुड़े विभिन्न पक्षों को विद्यार्थियों के बीच रखेगी, जिससे देश का युवा किसी भ्रम का शिकार न हो।