पटना : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने बिहार लोक सेवा आयोग से मांग की है कि सभी तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं की शुचिता बनाये रखने की जिम्मेदारी आयोग एवं राज्य सरकार पर है। अगर एक भी परीक्षार्थी भेदभाव को लेकर सशंकित है, तो आयोग संवेदनशील होकर स्थिति को स्पष्ट करे।
अभाविप (दक्षिण बिहार) प्रान्त मंत्री सुमित कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई से मुलाकात करके वार्ता की और उन्हें एक मांगपत्र भी सौपा । प्रतिनिधिमण्डल में प्रान्त संगठन मंत्री रौशन सिंह एवं प्रान्त सह-मंत्री शशि कुमार शामिल थे।
जानकारी हो कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बापू परीक्षा भवन परीक्षा केंद्र में आयोजित 70वीं प्रारंभिक परीक्षा विभिन्न कारणों से विवादों में है। परीक्षा के दिन हुई गड़बड़ी के कारण कुछ परीक्षार्थी पटना में लगातार आंदोलन करते हुए पूरी परीक्षा को रद्द करके दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं। अभाविप का स्पष्ट मत है कि सभी तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने की जिम्मेदारी आयोग एवं राज्य सरकार की है। ऐसे में अगर एक भी परीक्षार्थी भेदभाव को लेकर सशंकित है, तो आयोग संवेदनशील होकर स्थिति को स्पष्ट करे। जबकि ताजा मामले में ऐसा लग रहा है कि आयोग एक तानाशाह की तरह एकपक्षीय बयान जारी कर रहा है, जिसके कारण अभ्यर्थियों में भ्रम एवं डर की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आयोग एवं सरकार की ही यह जिम्मेदारी है कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनायी जाए, जिससे अभ्यर्थियों में पूरी प्रणाली पर विश्वास का भाव पैदा हो। अभाविप इस मामले में परीक्षार्थियों के जायज़ मांग के साथ मजबूती के साथ खड़ी है ।
आयोग को सौंपे गए मांगपत्र में निम्नलिखित मांग की गई है-
- 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में गड़बड़ी के लिए आयोग छात्रों पर दोषारोपण करना बंद करते हुए छात्रों के खिलाफ दुर्भावना से काम न करे।
- बापू परीक्षा केंद्र की पूरी घटनाक्रम की टाइमलाइन क्रोनॉलिजी सभी के सामने रखी जाए। आखिर चूक कहां हुई ? स्पष्ट करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करके लोगों में संदेश दे।
- आयोग यह सुनिश्चित करे कि बापू परीक्षा केंद्र के किसी भी परीक्षार्थी से भेदभाव ना हो। केंद्र के अभ्यर्थियों के विरुद्ध दुर्भावना से प्रेरित होकर काम ना करे।
- आयोग परीक्षार्थियों के प्रति संवेदनशील रहे एवं हमेशा उनके पक्ष को समझते हुए अपनी बात आम परीक्षार्थियों के सामने रखे, जिससे संवादहीनता एवं भ्रम की स्थिति पैदा ना हो।
- छात्रों को किसी भी तरह का शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। अभाविप सरकार से यह मांग करती है छात्रों के विरुद्ध किसी तरह का बलप्रयोग नहीं करे। साथ ही बल प्रयोग करने वाले दोषी अधिकारियों की पहचान करके उनके विरुद्ध कार्रवाई करे।