Friday, May 9, 2025
No Result
View All Result
Rashtriya Chhatra Shakti
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो
Rashtriya Chhatra Shakti
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो
No Result
View All Result
Rashtriya Chhatra Shakti
No Result
View All Result
Home संपादकीय

जुलाई 2024

अजीत कुमार सिंह by
July 22, 2024
in संपादकीय

संपादकीय

अमृत महोत्सव का पड़ाव पार कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) भविष्योन्मुख यात्रा पर अग्रसर है। स्वाधीनता पाने के तुरन्त पश्चात जिन युवाओं ने अभाविप की स्थापना की, उनमें से अधिकांश भले ही आज हमारे बीच न हों, किन्तु वह मशाल पीढ़ियों की यात्रा करती हुई आज भी दीप्तिमान है।

जिस युगदृष्टा ने सौ वर्ष पहले देश में राष्ट्रीयता की गंगा को प्रवाहित किया, उनके सामने देश की स्वाधीनता का भी प्रश्न था और उस स्वाधीनता की रक्षा का भी। स्वाधीनता पाने से अधिक महत्वपूर्ण उसे बनाए रखने की चुनौती थी। तत्कालीन वैश्विक शक्तियां जब इस बात की भविष्यवाणी कर रही थीं कि भारत न तो अपनी अखण्डता बचा सकेगा और न ही लोकतंत्र, तब अभाविप और उसके जैसे अनेक समविचारी संगठन स्वाधीनता की रक्षा के उपकरण बन कर सामने आए। आपातकाल का अंधेरा इनकी परीक्षा लेने के लिए आया और स्वाधीन भारत के इतिहास में उनके योगदान का स्वर्णिम पृष्ठ जोड़ कर तिरोहित हो गया।

वैश्विक शक्तियां भारत के बिखरने की भविष्यवाणी करते समय केवल अपना अनुमान ही नहीं प्रकट कर रही थीं, बल्कि इस बिखराव के लिए निरंतर प्रयासरत थीं। आखिर कोई भी कथित महाशक्ति यह कैसे स्वीकार कर सकती थी कि उसका कोई उपनिवेश अपनी विकास यात्रा में उसे लांघ कर आगे निकल जाए। किन्तु अब यह दीवार पर लिखी इबारत की तरह स्पष्ट है कि अनेक उपनिवेशवादी शक्तियों को पीछे छोड़ भारत विश्वमालिका में अपना उपयुक्त स्थान प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।

दुर्भाग्य है कि अपने निजी स्वार्थ के कारण इन विरोधी शक्तियों के हस्तक के रूप में कुछ भारतीय भी काम कर रहे हैं। परिसरों में भी इनके समूह सक्रिय हैं जो भारतविरोधी गतिविधियों से वातावरण को विषाक्त करने का प्रयास निरंतर करते हैं। देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान भी इससे अछूते नहीं हैं और यहीं से अभाविप के कार्यकर्ताओं की भूमिका प्रारंभ होती है।

‘राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ में शिक्षा क्षेत्र में एक सशक्त छात्र संगठन खड़ा करना’, यह लक्ष्य लेकर प्रारंभ अभाविप अपनी इसी भूमिका को अपने स्थापना काल 9 जुलाई 1949 से ही निभाती आ रही है। ‘रचनात्मक दृष्टिकोण’ तथा ‘शैक्षिक परिवार की संकल्पना’ के साथ ‘दलगत राजनीति से ऊपर उठकर शिक्षा और परिसर के प्रश्नों पर सतत जागरूक रहते हुए अभाविप ने विद्यार्थियों का नेतृत्व किया है। परिणामस्वरूप इसे विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन होने का गौरव प्राप्त हुआ है।

अपनी विकास यात्रा के 75 वर्षों की सम्पूर्ति के अवसर पर संगठन ने, न केवल अपनी यात्रा का सिंहावलोकन किया, अपितु भविष्य के लिए बड़े लक्ष्यों पर भी विचार किया है, जिसकी झलक गत राष्ट्रीय अधिवेशन और हाल ही में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में मिली है।

भारत विरोधी शक्तियों के षड्यंत्रों का प्रखर विरोध, देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे अलगाववादी, आतंकवादी संगठनों का तीव्र वैचारिक प्रतिकार, सामाजिक विभेद उत्पन्न करने वाली प्रवृत्तियों के विरुद्ध छात्र समुदाय और जनसामान्य को जागरूक करने के अपने प्राथमिक कर्तव्य का पालन करते हुए नए आयामों का विस्तार और नए क्षितिज को स्पर्श करने के युवकोचित स्वभाव के अनुकूल गतिविधियों के प्रसार में पूर्व की भांति ही सक्रिय रहने का संकल्प निश्चय ही फलीभूत होगा। राष्ट्रीय छात्र दिवस की हार्दिक शुभकामना सहित,

आपका

संपादक

No Result
View All Result

Archives

Recent Posts

  • ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के ठिकानों पर हमला सराहनीय व वंदनीय: अभाविप
  • अभाविप ने ‘सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल’ में सहभागिता करने के लिए युवाओं-विद्यार्थियों को किया आह्वान
  • अभाविप नीत डूसू का संघर्ष लाया रंग,दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों को चौथे वर्ष में प्रवेश देने का लिया निर्णय
  • Another Suicide of a Nepali Student at KIIT is Deeply Distressing: ABVP
  • ABVP creates history in JNUSU Elections: Landslide victory in Joint Secretary post and secures 24 out of 46 councillor posts

rashtriya chhatrashakti

About ChhatraShakti

  • About Us
  • संपादक मंडल
  • राष्ट्रीय अधिवेशन
  • कवर स्टोरी
  • प्रस्ताव
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो

Our Work

  • Girls
  • State University Works
  • Central University Works
  • Private University Work

आयाम

  • Think India
  • WOSY
  • Jignasa
  • SHODH
  • SFS
  • Student Experience Interstate Living (SEIL)
  • FarmVision
  • MediVision
  • Student for Development (SFD)
  • AgriVision

ABVP विशेष

  • आंदोलनात्मक
  • प्रतिनिधित्वात्मक
  • रचनात्मक
  • संगठनात्मक
  • सृजनात्मक

अभाविप सार

  • ABVP
  • ABVP Voice
  • अभाविप
  • DUSU
  • JNU
  • RSS
  • विद्यार्थी परिषद

Privacy Policy | Terms & Conditions

Copyright © 2025 Chhatrashakti. All Rights Reserved.

Connect with us:

Facebook X-twitter Instagram Youtube
No Result
View All Result
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो

© 2025 Chhatra Shakti| All Rights Reserved.