नई दिल्ली : अभाविप नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) के निरंतर प्रदर्शनों और संघर्षों के फलस्वरूप दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2025–26 से स्नातक पाठ्यचर्या रूपरेखा 2022 (UGCF 2022) के अंतर्गत समस्त विद्यार्थियों को चौथे वर्ष (सप्तम सत्र) में प्रवेश देने का निर्णय लिया है। अभाविप नीत डूसू का मानना है कि यह निर्णय छात्रों के दीर्घकालिक संघर्ष का परिणाम है। इससे न केवल विद्यार्थियों के शैक्षणिक हितों की रक्षा होगी, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन की पढ़ाई का अवसर भी प्राप्त होगा। यह निर्णय छात्रों की शैक्षणिक निरंतरता को बनाए रखते हुए भ्रम की स्थिति को समाप्त करेगा तथा बहु-प्रवेश और बहु-निकास जैसी सुविधाओं के साथ उन्हें गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की दिशा में अग्रसर करेगा।
अभाविप नीत डूसू प्रारंभ से ही यह मांग करता रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पूर्णतः क्रियान्वयन सुनिश्चित करे एवं छात्रों को उनके शैक्षणिक भविष्य की स्पष्ट रूपरेखा उपलब्ध कराए। इसी उद्देश्य से अभाविप नीत डूसू ने समय-समय पर प्रदर्शन किए, ज्ञापन सौंपे और विश्वविद्यालय प्रशासन से निरंतर संवाद स्थापित किया। दिल्ली विश्वविद्यालय का यह निर्णय अभाविप नीत डूसू के नेतृत्व में प्रदर्शनों की सफलता को दर्शाता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि यह निर्णय दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के भविष्य को सशक्त करने वाला है। चौथे वर्ष में रिसर्च स्पेशलाइजेशन की सुविधा उन्हें अकादमिक और व्यावसायिक दोनों स्तरों पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी। यह सफलता संगठित छात्र शक्ति की दृढ़ आवाज का परिणाम है।
अभाविप दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि अभाविप प्रारंभ से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रतिबद्ध रही है। वर्ष 2022 में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्रों को अब सातवें सेमेस्टर में प्रवेश देने का निर्णय हमारे लंबे संघर्ष का परिणाम है। हम विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह करते हैं कि इस प्रक्रिया को पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ क्रियान्वित किया जाए, जिससे छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह निर्णय न केवल छात्रों की अकादमिक यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन की दिशा में भी एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।