नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव का मतदान मंगलवार को संपन्न हो गया। मतगणना गुरुवार को होगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय के सभी मतदाताओं को लोकतांत्रिक महापर्व में भाग लेने के लिए बधाई दी और कहा कि जेएनयू के प्रत्येक स्कूल से छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पक्ष में विश्वविद्यालय में सकारात्मक बदलाव लाने हेतु मतदान किया।
अभाविप ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ में वामपंथी दल लंबे समय से सत्ता में रहे हैं। इसके बावजूद जेएनयू के छात्र अकादमिक कमियों, छात्रावास सुविधाओं की अपर्याप्तता तथा खेलकूद के उपकरणों की कमी जैसी समस्याओं से प्रतिदिन जूझ रहे हैं। जर्जर छात्रावास, अकादमिक कठिनाइयों से संघर्ष करते विद्यार्थी और खेल-सामग्री की कमी इसके स्पष्ट उदाहरण हैं। वामपंथी संगठनों ने वर्षों तक छात्रसंघ पर काबिज़ रहते हुए भी छात्रों के हित में कोई ठोस कार्य नहीं किया; और जब भी उनसे प्रश्न पूछे गए, तो उनका उत्तर संवाद के बजाय हिंसा रहा।
वहीं दूसरी ओर, पिछले वर्ष लंबे अंतराल के बाद जेएनयू छात्रसंघ में सह सचिव के पद पर विजय होने वाले एबीवीपी के वैभव मीणा ने अपने छोटे से कार्यकाल में ही ठोस पहल की। उन्होंने परिसर में यू-स्पेशल बसें शुरू करवाकर तथा वर्षों से बंद पड़े रेलवे आरक्षण काउंटर को खुलवाकर अभाविप की कार्यनिष्ठा और प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तुत किया। यह दर्शाता है कि अभाविप वादों की नहीं, कार्य की राजनीति में विश्वास रखती है। इन सभी तथ्यों पर विचार करते हुए इस बार छात्रों ने वामपंथी राजनीति को नकारते हुए अभाविप के पक्ष में भारी मतदान किया है ताकि जेएनयू में ऐसा छात्रसंघ स्थापित हो जो वास्तव में छात्र हितों की आवाज़ बने और उनके लिए पूरे वर्ष सक्रिय रूप से कार्य करे।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अभाविप की ओर से अध्यक्ष पद प्रत्याशी विकास पटेल ने कहा कि जेएनयूएसयू चुनाव में छात्रों का रुख अब स्पष्ट हो चुका है। वे वामपंथियों की छात्र हित और राष्ट्र हित के विरुद्ध राजनीति को नकार रहे हैं तथा अभाविप की संवाद, विकास और छात्र हित की राजनीति को स्वीकार कर रहे हैं। आगामी 6 तारीख को यह रुख परिणामों में परिवर्तित होगा और जेएनयूएसयू को छात्र हित में एक नई दिशा प्रदान करेगा।
