भोपाल : वीआईटी में बढ़ते भोजन एवं पेयजल संकट को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आक्रोशित है। अभाविप ने बुधवार को प्रदेश के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार तथा निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग को वीआईटी भोपाल में भोजन एवं पेयजल व्यवस्था से उत्पन्न गंभीर स्वास्थ्य संकट को लेकर ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन के उपरांत शासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है।
अभाविप ने बताया कि भोपाल परिसर में गुणवत्ताहीन भोजन और प्रदूषित पेयजल के कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की तबीयत बिगड़ने की शिकायतें सामने आ रही थीं। छात्रों का आरोप है कि समस्या की शिकायत करने के बावजूद संस्थान प्रशासन द्वारा कोई समाधान नहीं किया गया, बल्कि विषय को दबाने और दबाव बनाने का प्रयास किया गया। बीती रात छात्र परिसर से बाहर आकर गंभीर और आक्रोशपूर्ण विरोध करने को मजबूर हुए।
घटना के विरोध में अभाविप द्वारा बुधवार को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया। अभाविप कार्यकर्ताओं ने वीआईटी प्रशासन के पुतले दहन किए, जिसमें भोपाल के महाराणा प्रताप चौराहे सहित विभिन्न जिलों में जोरदार प्रदर्शन हुआ। परिषद ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा मामला अत्यंत गंभीर है और किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है।
अभाविप ने मांग की है कि वीआईटी में भोजन एवं पेयजल व्यवस्था की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए तथा छात्रों की शिकायतों का निष्पक्ष संज्ञान लिया जाए। परिषद ने स्पष्ट किया कि यदि आवश्यक कदम शीघ्र नहीं उठाए जाते हैं तो अभाविप व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
अभाविप मध्यप्रदेश प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि विद्यार्थियों के साथ तानाशाही रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्वविद्यालय में देशभर से विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, ऐसे में प्रशासन की लापरवाही अत्यंत चिंताजनक है। अभाविप छात्रों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए भविष्य में भी हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।
