डॉ. अंबेडकर का वामपंथी वैचारिक अपहरण
6 दिसंबर 1956 को डॉ. बाबासाहब भीमराव रामजी आंबेडकर अपनी भौतिक देह त्याग महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए और जैसा कि इतिहास में प्रत्येक महापुरुष के साथ होता है कि उनके जाने के बाद उनकी वैचारिक धरोहर और जी...
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और उनके विचारों की प्रासंगिकता
बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने संविधान सभा के भाषण में कहा था – “महोदय, संविधान सभा के कार्य पर नजर डालते हुए नौ दिसंबर,1946 को हुई उसकी पहली बैठक के बाद अब दो वर्ष, ग्यारह महीने और सत्रह दि...