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मासूम ट्वींकल के साथ दुराचार और निर्मम हत्या के विरोध में अभाविप ने किया देशव्यापी प्रदर्शन

 क्या है मामला

अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र के मोहल्ला कानून गोयान निवासी ढाई साल की मासूम 30 मई को लापता हो गई थी। दो जून की सुबह शव घर के पास ही कूड़े के ढेर पर मिला था। शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया गया था। डॉ. नवीन कुमार, डॉ. केके शर्मा और डॉ. उज्मा शामिल थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मरने के बाद शरीर में जो बदलाव होते हैं। उसके बारे में एंटीमार्टम इंजरी (एएमआई) में डॉक्टरों ने विस्तार से लिखा है।

किसी मासूम के साथ कोई इतनी हैवानियत कैसे कर सकता है। ढाई साल की बच्ची ट्वींकल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद रोंगटें खड़े हो जाते हैं। मन कांप जाता है, दिल दहल जाता और दिमाग सुन्न हो जाता है। दरिंदगी की इंतहा हो गई। निर्मम हत्या का मामला सामने आने के बाद इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है । लोगों का गुस्सा चरम पर है । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्  के कार्यकर्ताओं ने ट्वींकल को न्याय दिलाने को लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश व्यापी प्रदर्शन किया, कैंडल मार्च निकाले, हस्ताक्षर अभियान चलाकर दोषियों को फांसी देने की मांग की । 45 डिग्री के तापमान में भी अभाविप की छात्रा कार्यकर्ता चिलचिलाती धूप में सड़कों पर झंडे और नारे लिखी तख्तियां लेकर सरकार से ट्वींकल के साथ जघन्य अपराध करने वालों को फांसी देने की मांग कर रही है । ट्वींकल हम शर्मींदा है तेरे कातिल जिंदा है जैसे नारे लगाकर आक्रोश प्रकट किया ।

अभाविप की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. उमा श्रीवास्तव कहती हैं कि बच्चियों के साथ एक के बाद हो रहे जघन्य अपराध देखकर ऐसा लगता है कि लोगों को क्रोध, निराशा, घृणा, प्रतिशोध जैसे मानसिक अवसादों ने क्रूरता से भर दिया हो । जिसका परिणाम छोटी – छोटी बच्चियों के प्रति हो रहे बलात्कारों के रूप में सामने आयेगा, यह दर्दनाक एवं असहनीय है । इस प्रकार के दुराचारों के प्रति विरोध प्रदर्शन समान रूप से नहीं सुनाई देता है । ट्विंकल अब लौट कर नहीं आयेगी लेकिन अब कोई और बच्ची ट्वींकल जैसी प्रताड़ना का शिकार न हो, इसका संकल्प हम सभी को लेना होगा । इस विकृत मानसिकता वाले दुराचारियों को सख्ती से निपटना होगा तभी बेटियां सुरक्षित रह पायेंगी ।

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