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राम मंदिर पर फैसले के पहले कुछ लोग बोलते थे खून की नदियां बह जायेगी लेकिन यहां तो एक मच्छर भी नहीं मरा : योगी आदित्यनाथ

आगरा में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन प्रा. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार समारोह के दौरान अनुच्छेद 370 और श्रीराम मंदिर फैसले के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के पहले लोग बोलते थे कि अगर इसमें छेड़छाड़ हुआ तो ये हो जायेगा, वो जायेगा । श्रीराम मंदिर पर फैसला आया तो खून की नदियां बह जायेगी लेकिन सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद यहां एक मच्छर तक नहीं मरा । योगी की इस वक्तव्य के बाद पूरा सभागार जय श्रीराम के नारे से गूंज उठा । योगी आदित्यनाथ अभाविप के 65 वें अधिवेशन के अंतिम दिन युवा पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे ।

विद्यार्थी परिषद की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अभाविप ने इसको समाप्त करने की लंबी लड़ाई लड़ी। अब इसके पक्ष में सकारात्मक माहौल तैयार करें। श्रीराम मंदिर मसले पर सर्वोच्च अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए योगी ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र और न्यायपालिका की ताकत है। भारत देश और दुनिया का नेतृत्व करने को तैयार है। किसी ने आंख तरेरी तो गंभीर परिणाम होंगे।

समाजवादियों पर तंज कसते हुए योगी ने कहा कि राममनोहर लोहिया कहते थे कि भारतीय एकात्मता का आधार भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और शंकर हैं। हालांकि वे किसी विधि में विश्वास न रखने वाले थे। सीएम ने कहा कि एबीवीपी के इस राष्ट्रीय अधिवेशन में एक लघु भारत का दृश्य दिख रहा है। अरुणांचल और द्वारिका की चर्चा की। लोहिया के कथन का आधार भी बताया। कहा कि अरुणांचल से द्वारिका तक तकरीबन 3500 किमी की दूरी भगवान श्रीकृष्ण और कश्मीर से कन्याकुमारी तक की तकरीबन 3000 किमी की दूरी का सम्बंध भगवान श्रीराम से है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि छात्रशक्ति को जब विध्वंशक बताया जा रहा था, तब विद्यार्थी परिषद ने इसे राष्ट्रशक्ति के रूप में बदल रहा था। छात्रशक्ति, राष्ट्रशक्ति की ऊर्जा में परिवर्तित हो रहा था। हर भारतवासी के मन में संगठित भाव से कार्य करने की प्रेरणा जगाने की जरूरत है। अनाथों को सनाथ बनाने की मुहिम में जुटे मुम्बई के सागर रेड्डी को सम्मानित करने के बाद बोल रहे योगी ने कहा कि जिस व्यक्ति में जीवंतता दिखे, वही जीवन है। रेंगना, जीवन नहीं है। हर व्यक्ति योग्य है। एक योजक चाहिए।

परिषद की चर्चा करते हुए कहा कि यह संगठन किसी राजनैतिक एजेंडे का हिस्सा नहीं बना, छात्रशक्ति को राष्ट्रशक्ति के रूप में परिवर्तित करने में जुटा रहा है। हर व्यक्ति सागर रेड्डी बन सकता है। उन्होंने कहा कि परिसद केवल यूनिवर्सिटी कैम्पस तक ही नहीं सिमटा है, राष्ट्र भाव को पैदा करने के लिए समाज मे भी कार्य किया है। भारत और भारतीयता को समाप्त करने की मंशा रखने वालों को कहा अब ये नए तरीके से हथियार चला रहे हैं। ऐसे में सावधानी जरूरी है।

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