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CAA पर डूसू के कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता जे साई दीपक ने दूर की भ्रांतियाँ, दिए छात्रों के सवालों के जवाब

“नागरिकता संशोधन अधिनियम(CAA): इतिहास और भविष्य” विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ द्वारा कैंपस लॉ सेंटर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता जे साई दीपक ने छात्रों से संवाद किया तथा उनके सभी सवालों का जवाब दिया। साई दीपक ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को ऐतिहासिक संदर्भ में देखने की बात की तथा पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार को ध्यान में रखने का आह्वान किया। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 14 के परिप्रेक्ष्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम पर उठाए जा रहे सवालों को बेतुका बताते हुए कहा कि अनुच्छेद 14 बराबरों में बराबरों की बात करता है और भारत के नागरिकों पर लागू होता है। श्री साई दीपक ने यह भी स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम धार्मिक आधार पर नागरिकता की नहीं बल्कि धार्मिक प्रताड़ना का भुक्तभोगी होने के आधार पर नागरिकता की बात करता है।

कार्यक्रम में अध्यक्षता प्रोफेसर क्षितिज कुमार सिंह ने की तथा प्रोफेसर सीमा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अपना वक्तव्य रखा।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने एक संयुक्त बयान में कहा कि ” नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में एक छोटे से राजनीतिक तबके के द्वारा छात्रों में फैलाये जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ लगातार ऐसे और कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। कार्यक्रम में आये हुए छात्रों ने पूरी चर्चा को सुनते हुए अपने सभी सवालों का जवाब पाया और नागरिकता संशोधन अधिनियम को अपना समर्थन दिया।”

By : Ashutosh Kumar

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