नई शिक्षा नीति युवाओं के अंदर आत्मविश्वास निर्माण करेगी और यही आत्मविश्वास भारत को आत्मनिर्भर बनाकर विश्व में अग्रणी बनाने में समर्थ होगा। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित वेबीनार में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिवेश में नई शिक्षा नीति नए सशक्त और समर्थ भारत की नींव रखने में कारगर होगी। उसके जरिए देश के युवाओं को नए रास्ते और नए अवसर मिलेंगे। नई शिक्षा नीति समग्रता, सकारात्मकता, स्वीकार्यता और नई तकनीक को सम्मिलित करते हुए भारतीय ज्ञान और भारतीय संस्कृति का परचम वैश्विक जगत में फहरायेगी। प्रारंभिक शिक्षा में मातृभाषा पर केंद्रीत शिक्षा को महत्व दिया गया है। इससे शिक्षा के प्रति कोमल मन के छात्रों का लगाव बढ़ेगा। प्रारंभिक स्तर पर तीन भाषा जिसमें से दो मातृभाषा और एक दूसरी भाषा पर आधारित होगी। अंग्रेजी भाषा से उपजी हीनता को नई शिक्षा नीति समाप्त करेगी। भाषा की जगह ज्ञान को अधिक महत्व दिया जाएगा। भारतीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रमों की संरचना की जाएगी। शिक्षा के साथ भारतीय कला और साहित्य पर भी जोर रहेगा। उच्च शिक्षा में हॉलिस्टिक और मल्टीडिसीप्लिनरी व्यवस्था अपनाई जाएगी। इसके साथ ही मल्टी एंट्री और मल्टी एग्जिट की व्यवस्था से छात्र लाभान्वित होंगे। उच्च शिक्षा प्रथम वर्ष पर सर्टिफिकेट, द्वितीय वर्ष पर डिप्लोमा, तृतीय पर डिग्री और चतुर्थ वर्ष पूर्ण करने पर डिग्री विद रिसर्च की उपाधि प्रदान की जाएगी।
नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए अच्छे शिक्षकों की आवश्यकता होगी। इसके लिए चार वर्ष का पाठ्यक्रम शिक्षक बनने के लिए पूर्ण करना होगा। नई शिक्षा नीति गुरु के महत्व और समाज में उसके स्थान को पुनः स्थापित करेगी। नई शिक्षा नीति के अनुपालन के लिए कई नियामक संस्थाएं बनाई जाएंगी । इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और शिक्षा जगत से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी होगी कि वह अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें और इसके क्रियान्वयन के लिए अपने आपको तैयार रखें। अनुसूचित जाति जनजाति महिलाएं एवं अन्य दूरदराज के लोगों के लिए इसमें विशेष फंड की व्यवस्था की गई है। स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल बनाया गया है जिससे छात्र स्कॉलर से संबंधित अपनी समस्त समस्याओं का समाधान पा सकेंगे। भारत सरकार राज्यों के साथ मिलकर जीडीपी का 6% शिक्षा में खर्च करेगी यह एक स्वागत योग्य निर्णय है। गुणवत्ता और पारदर्शिता के द्वारा 100% छात्रों की इसमें भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षा नीति को मूर्त रूप देने में अनेक शिक्षाविदों से चर्चा कर उनके सुझाव लिए गए हैं। व्यक्तित्व निर्माण के साथी यह व्यक्ति में बहुआयामी कार्य क्षमता कार्यकुशलता का निर्माण करने में सहायक होगी। आने वाला समय भारत का है और यह शिक्षा नीति उसकी पथ प्रदर्शक साबित होगी। वेबीनार का संचालन राज शरण सही और आभार अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख श्रीहरि बोरिकर ने व्यक्त किया।
नई शिक्षा नीति से सृजित आत्मविश्वास बनाएगा आत्मनिर्भर भारत- सुनील आंबेकर
अभाविप उत्तर प्रदेश द्वारा नई शिक्षा नीति पर आयोजित किया गया वेबीनार