नागपुर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 66 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भय्या जी जोशी ने कहा कि देश हीन भावना की ग्रंथि को त्यागकर आगे बढ़ने की राह पर चल चुका है। राष्ट्र अपने गौरव को पुनः प्राप्ति की ओर है। हर्ष की बात यह है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन गौरव को गति देने वालों का मूक समर्थक नहीं अपितु राष्ट्र गौरव को गति देने वाली व्यवस्था का हिस्सा है।
श्री जोशी ने कहा है कि हम अपनी निराशा और हीनता की ग्रंथी को त्याग कर व्यक्ति निर्माण से समाज के निर्माण की तरफ बढ़ें। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति विजय भाव का गुमान रखने वाली नहीं रही है। हम देना जानते है, लेना नहीं। हम जहां भी गये हैं वहां शास्त्र लेकर गये न की शस्त्र लेकर। स्वामी विवेकानंद के इस कथन में विश्वास रखते है कि जब तक भारत में धर्म है तब तक दुनिया में धर्म शेष रहेगा। हम शक्ति की आराधना विजय के लिए नहीं बल्कि निर्बलों की सुरक्षा के लिए करते हैं। हमारे लिए यह समस्या नहीं है कि दूसरे लोग हमें कमजोर समझते हैं बल्कि हमारे लिए समस्या यह है कि हम खुद को कमजोर समझते है। हमें इस हीनता के भाव से बाहर आकर आगे बढ़ना होगा।
समाज का सच्चा मित्र है विद्यार्थी परिषद : निधि त्रिपाठी
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद हमेशा से विपरीत परिस्तिथियों में समाज हित में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करते आया है। कोरोना काल में भी विद्यार्थी परिषद के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जो विपरीत समय में सबसे पहले आता है, वही सच्चा मित्र होता है। इन अर्थों में विद्यार्थी परिषद समाज का सच्चा मित्र है।
कोरोना काल के दौरान भारतीय चिकित्सा पद्धति ने विश्व को दिया संदेश : छगन भाई पटेल
नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री छगन भाई पटेल ने कहा कि कोरोना काल में भारतीय चिकित्सा पद्धति ने विश्व को यह सन्देश दिया है कि भारतीय आयुर्वेद द्वारा बड़ी से बड़ी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 66 वें अधिवेशन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश सदाशिव “भय्या जी” जोशी द्वारा डॉ.हेडगेवार स्मारक समिति स्मृति मंदिर रेशीम बाग़ के महर्षि व्यास सभागार में किया । कार्यक्रम के शुरूआत में स्वागत वक्तव्य देते हुए स्वागत समिति के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि नागपुर भारत की हृदय स्थली है इस नगर ने भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में अपना भागीरथ योगदान दिया था। आज इस पावन भूमि पर राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है यह गर्व की बात है। स्वागत भाषण के बाद अभाविप की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने सभा को संबोधित किया। उसके बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष ने। श्री पटेल के उद्बोधन के बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुरेश “भय्या जी” जोशी उपाख्य भय्या जी जोशी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सन्दर्भ में विस्तार से अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में योगेश जी ने आभार प्रदर्शन कर कार्यक्रम की सफल बनाया कार्यक्रम का संचालन विदर्भ प्रांत मंत्री रवि दांडगे ने किया।