नई दिल्ली । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) शिष्टमंडल ने बुधवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात की और छात्राओं एवं महिलाओं से संबंधित समस्याओं से अवगत कराया एवं विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान अभाविप कार्यकर्ताओं ने परिषद द्वारा चलाये गये ऋतुमति अभियान से केन्द्रीय मंत्री को परिचित कराया। केन्द्रीय मंत्री ने अभाविप के इस अभियान की सराहना की एवं उनकी मांगों एवं सुझावों पर विचार करने की बात कही।
अभाविप शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रही राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि महिला महिला शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन हमारी प्राथमिकता है। निर्भया फंड का सदुपयोग तथा सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में चाइल्ड केयर यूनिट्स बनाने जैसे कार्यों को पूर्ण करने की त्वरित आवश्यकता है।महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से जल्द से जल्द इन सुझावों पर विचार करने की मांग की। अभाविप ने अपने मांगपत्र में छात्राओं को सशक्त, सुरक्षित और स्वावलम्बी बनाने के लिए अभाविप के मिशन साहसी अभियान के तर्ज पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भी ऐसे अभियान का आयोजन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आयोजन कराने की मांग को भी शामिल किया। प्रतिनिधि मण्डल ने मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के आगामी अभियान ‘ऋतुमति’ से भी मंत्री महोदया को अवगत कराया।
अभाविप की मांगे
अपने मांगपत्र में अभाविप ने कोरोना की दूसरी लहर के कारण जिन छात्राओं की पढ़ाई बाधित हुई उन छात्राओं की शिक्षा के लिये विशेष वृत्ति का लाभ दिया जाए, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, स्वरोजगार बढ़ाने हेतु सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ योजना बनाई जाए। मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए संस्थागत व्यवस्था का निर्माण किया जाए, महिलाओं की समस्याओं के तुरंत निवारण हेतु एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, छात्राओं की समुचित और बेहतर शिक्षा के लिए तहसील स्तर पर छात्राओं के लिये छात्रावास का निर्माण किया जाए, महिलाओं में खेल प्रतिभा खोज के संबंध में उचित व्यवस्था का निर्माण,क्षेत्रीय स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था, तहसिल स्तर पर छात्रवासों का निर्माणसुनिश्चित किया जाए ताकी सभी छात्राएं उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सके। इसी क्रम में कामकाजी महिला आवास योजना भी आरम्भ की जाए, महिलाओं की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक प्रसाधन की सुविधा बढ़ाई जानी जैसी मांगों को शामिल किया।