Saturday, June 7, 2025
No Result
View All Result
Rashtriya Chhatra Shakti
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो
Rashtriya Chhatra Shakti
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो
No Result
View All Result
Rashtriya Chhatra Shakti
No Result
View All Result
Home संपादकीय

छात्रशक्ति सितंबर 2022

अजीत कुमार सिंह by
September 15, 2022
in संपादकीय

संपादकीय

स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाते हुए भारत जिस तरह तिरंगामय हो गया वह देश के मूल चरित्र का प्रकटीकरण था। भारत ने अपनी राष्ट्र की पहचान को बनाये रखने के लिये हजार वर्षों से अधिक तक निरंतर आक्रमणों का सामना किया, यूरोपीय औपनिवेशिक शक्तियों से चार सौ वर्षों से अधिक तक लोहा लिया और अंततः विजय प्राप्त की।

स्वाधीन भारत में दशकों तक राष्ट्रीयता और भारतीयता की बात करने वालों को वैचारिक रूप से पिछड़ा और भारतीय मूल्यों और संस्क्रति पर चोट करने वालों को प्रगतिशील कहने का चलन चला। लेकिन यह नकारात्मक विमर्श भारतीय मन-मानस के प्रतिकूल होने के कारण दशकों के प्रयास के बाद भी स्थापित न हो सका। इसके विपरीत जब भारत विरोध का अतिरेक संयम की सीमा पार कर गया तो भारत के जनसामान्य ने हुंकार भरी और ऐसी सभी शक्तियाँ न केवल राजनैतिक अपितु सामाजिक रूप से भी नेपथ्य में पहुंच गयीं। आज वे अपने भारत विरोधी विमर्श को क्षण-क्षण छीजते और अप्रासंगिक होते देखने के लिये अभिशप्त हैं।

एक जन, एक राष्ट्र की प्रेरणा से अनुप्राणित भारत का समाज और उसकी ऊर्जावान युवा पीढ़ी राष्ट्रीयता का यही संकल्प लेकर हर गाँव तिरंगा लेकर गयी। नगर हो या गाँव अरण्य हो या सीमान्त, पूरे देश में छाये तिरंगे स्वाधीनता दिवस को उत्सव बना रहे थे।

75 वर्ष पूर्व भारत से अलग होकर पड़ोसी बना पाकिस्तान प्राकृतिक आपदा से तो जूझ ही रहा है, संभवतः उसके पास ऐसा कोई कारण भी नहीं है कि वह इस अवसर को उत्सव की तरह मना सके। यह विडंबना ही है कि अंग्रेजों की कृपा से पाये देश को वह एक रखने में भी सफल नहीं हो सका। जब भारत स्वाधीनता की रजत जयंती मना रहा था तो उसकी सेनाएं ढ़ाका में भारत के सामने आत्मसमर्पण कर रही थीँ। स्वतंत्रता की स्वर्ण जयन्ती के समय वह करगिल में घुसपैठ की तैयारी में व्यस्त था। अमृत महोत्सव के समय वह प्रकृति के कोप से बचने की कोशिश कर रहा है और इसके वावजूद वह अर्शदीप को खालिस्तानी बताने जैसी ओछी हरकतों से दुनियाँ में हास्यास्पद स्थिति को प्राप्त हो रहा है।

वर्ष 2047 में अपने शताब्दी समारोह के समय तक पूरे किये जाने वाले महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को निर्धारित करने में जहआं भारत का नेतृत्व जुटा है और सभी भारतीय इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये कटिबद्ध हैं, वहीं इस बात की संभावना बेहद धूमिल लगती है कि पाकिस्तान अपना शताब्दी समारोह वर्तमान भू-क्षेत्र को बचाये हुए मना भी सकेगा।

कदम-कदम अपने शताब्दी लक्ष्यों की ओर बढ़ते भारत की इस विकास यात्रा में हम सभी अपना व्यक्तिगत और सांगठनिक योगदान सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयत्नशील रहेंगे यह विश्वास है।

भवदीय

संपादक

No Result
View All Result

Archives

Recent Posts

  • बदलता भारत, बदलती सोच: ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ और ‘संडे ऑन साइकिल’ की क्रांति
  • अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक का रायपुर में हुआ शुभारंभ
  • युवाओं की ऊर्जा और राष्ट्रभक्ति को दिशा देने का कार्य कर रही है विद्यार्थी परिषद: विष्णुदेव साय
  • विधि संकाय की अधिष्ठाता के इस पक्षपातपूर्ण कृत्य से सैकड़ों छात्र परेशान, विधि संकाय की अधिष्ठाता तत्काल इस्तीफा दें : अभाविप
  • डूसू कार्यालय में राहुल गांधी के अनधिकृत आगमन के दौरान एनएसयूआई द्वारा फैलाया गया अराजक वातावरण एवं छात्रसंघ सचिव मित्रविंदा को प्रवेश से रोकना निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण : अभाविप

rashtriya chhatrashakti

About ChhatraShakti

  • About Us
  • संपादक मंडल
  • राष्ट्रीय अधिवेशन
  • कवर स्टोरी
  • प्रस्ताव
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो

Our Work

  • Girls
  • State University Works
  • Central University Works
  • Private University Work

आयाम

  • Think India
  • WOSY
  • Jignasa
  • SHODH
  • SFS
  • Student Experience Interstate Living (SEIL)
  • FarmVision
  • MediVision
  • Student for Development (SFD)
  • AgriVision

ABVP विशेष

  • आंदोलनात्मक
  • प्रतिनिधित्वात्मक
  • रचनात्मक
  • संगठनात्मक
  • सृजनात्मक

अभाविप सार

  • ABVP
  • ABVP Voice
  • अभाविप
  • DUSU
  • JNU
  • RSS
  • विद्यार्थी परिषद

Privacy Policy | Terms & Conditions

Copyright © 2025 Chhatrashakti. All Rights Reserved.

Connect with us:

Facebook X-twitter Instagram Youtube
No Result
View All Result
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो

© 2025 Chhatra Shakti| All Rights Reserved.