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पांथिक-उन्माद फैलाने वाले संगठन PFI पर बैन का निर्णय स्वागतयोग्य : अभाविप

छात्रशक्ति डेस्क

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया को प्रतिबंधित किए जाने के निर्णय का स्वागत करती है। PFI समेत उसके लिए आर्थिक एवं अन्य प्रकार की सहायता का प्रबंध वाले आठ संगठनों को भी प्रतिबंधित किया गया है। इन संगठनों में कैंपस फ्रंट ऑफ़ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन, नेशनल जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन सम्मलित हैं।

विदित हो कि गत वर्षों में PFI द्वारा देश की एकता एवं अखंडता को क्षुण्ण करने के कई प्रयास किये गए। यह संगठन बम धमाकों, दंगों के साथ पांथिक कट्टरता बढ़ाने वाले कार्यों में लंबे समय से लिप्त रहा है। शाहीन बाग़ जैसे भ्रामक आंदोलन आयोजित करवाने से लेकर सरकार की कई अन्य योजनाओं का दुष्प्रचार इस संगठन द्वारा किया गया जिससे देश के सामाजिक सौहार्द्र को बहुत नुकसान झेलना पड़ा। PFI के सदस्यों द्वारा, विपरीत विचारधारा के लोगों की नृशंस हत्याएं भी की जाती रही हैं।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “कट्टरवादी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेकर केंद्र सरकार ने अत्यंत सराहनीय कदम उठाया है। इस संगठन द्वारा, लंबे समय से देश की आबादी के एक हिस्से को दिग्भ्रमित कर, देश की एकता एवं अखंडता के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी की जा रही थी। कुकृत्य सामने आने के बाद, PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग लंबे समय से आमजन द्वारा भी की जा रही थी। आशा है, इस निर्णय के बाद, ऐसे तत्वों को प्रोत्साहन देने वालों के विरुद्ध भी शासन तंत्र द्वारा कड़े कदम उठाए जाएंगे।”

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