रविवार शाम को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जेएनयू के छात्रसंघ कार्यालय में एक पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसके बाद उस चित्र को कार्यालय में ही लगे अन्य चित्रों के साथ लगा दिया गया। अभाविप का कहना है कि कार्यक्रम के थोड़ी देर बाद वामपंथी छात्र संगठनों के लोगों ने वहां पहुंचकर शिवाजी की फोटो और फूलमाला उठाकर कचरे में फेक दिया। जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने दोबारा दीवार पर फोटो लगाने का प्रयास किया तो उनके साथ वाम छात्र संगठनों से जुड़े लोगों ने मारपीट की।
अभाविप का कहना है कि छात्रसंघ कार्यालय में पहले से ही लाखों लोगो के हत्यारे विदेशी लेनिन, कार्ल मार्क्स और कई भारतीय विचार विरोधियों के चित्र सालों पहले से लगे हैं लेकिन जैसे पिछले साल महाराणा प्रताप और अब शिवाजी का फोटो लगाया गया, वामपंथी संगठनों को रास नहीं आया और उन्होंने हिंसक विरोध किया।
अभाविप जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि वामपंथियों का चरित्र ही अराजक है वह अपने अलावा किसी और को सहन नहीं कर सकता जैसे ही जेएनयू में शिवाजी और महाराणा प्रताप के विचारों पर बात हुई ये लोग सहन नहीं कर पाए और हमेशा की तरह हमला करने पर उतारू हो गए। अभाविप जेएनयू, जेएनयू में भारतीय महापुरुषों को विचारों के प्रसार तथा उनके सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है।