देश के शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चिंता व्यक्त की है एवं आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के महत्वपूर्ण व प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि अभाविप शिक्षा क्षेत्र के सभी हितधारकों से आग्रह करती है कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी एक साथ मिलकर देश के शैक्षणिक परिसरों को आनंदमय सार्थक छात्र जीवन का केंद्र बनाने के लिए प्रयास करें, जहां पर रचनात्मक व तनावमुक्त वातावरण के साथ छात्र देश-समाज व स्वयं के लिए बेहतर करने वाले नागरिक के रूप में तैयार हो सकें।
अभाविप की लंबी समय से शिक्षा क्षेत्र में भारतीय मूल्यों के समुचित समावेश, इतिहास आदि विषयों में भारतीय दृष्टि के साथ तार्किकता के समावेश तथा एकांगी व पक्षपाती पाठ्यक्रमों में बदलाव आदि मांगें रही हैं। हाल ही में आए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के मसौदे पर वर्तमान की स्कूली शिक्षा की आवश्यकता अनुरूप विस्तृत चर्चा होनी चाहिए, जिससे देश की स्कूली शिक्षा में व्यापक तथा सार्थक परिवर्तन देखने को मिलें। अभाविप आशान्वित हैं कि एनसीईआरटी के तथा विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में हो रहे बदलावों से देश का शिक्षा क्षेत्र सकारात्मक दिशा में बढ़ेगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के संदर्भ में यह मांग करती है कि एनटीए द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षाओं में पारदर्शिता हो तथा विश्वसनीय तथा सरकारी कम्प्यूटर लैबों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए। एनटीए की परीक्षाओं के कैलेंडर में समस्याओं, पारदर्शिता आदि पर लगातार प्रश्न उठ रहे हैं, जो कि आदर्श स्थिति नहीं है।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि आज देश का शैक्षिक परिदृश्य नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आदि के आने के बाद से एक व्यापक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में देश के सभी शिक्षा से जुड़े हितधारकों को इस परिवर्तन को सकारात्मक दिशा देने के लिए प्रयास करने होंगे। सभी शैक्षणिक संस्थानों में छात्र संघ चुनाव करवाने, विभिन्न परीक्षाओं में पारदर्शिता तथा पाठ्यक्रमों में सकारात्मक बदलाव के लिए शीघ्रता से कदम उठाने होंगे। अभाविप, देश के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन व सुधार में महत्वपूर्ण योगदान के लिए कृत संकल्पित है।