शनिवार 29 अप्रैल 23 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार से मिलकर संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के अंतर्गत हो रही प्रवेश प्रक्रिया के दौरान सीयूईटी परीक्षा के लिए और फिर विश्वविद्यालय में प्रवेश के दौरान अलग से रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क लिए जाने के कारण छात्रों पर बढ़ रहे आर्थिक दबाव का विषय उठाते हुए प्रवेश प्रक्रिया को सरल करते हुए केवल एक बार शुल्क लेने की मांग की है। अभाविप ने मांग की है कि आईआईटी व एनआईटी की तरह सीयूईटी के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग की जाए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मांग की है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित हो रही परीक्षाएं सरकारी एवं विश्वसनीय केंद्रों पर ही आयोजित की जाएं तथा देश में सीयूईटी परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएं। अभाविप ने मांग की है कि छात्रों को सीयूईटी परीक्षा के दौरान अंतिम समय में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए एनटीए पूरी तैयारी करके रखे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि सीयूईटी में बड़ी संख्या में छात्र भाग ले रहे हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि प्रवेश प्रक्रिया को सरल करते हुए काउंसलिंग व्यवस्था को अधिक आसान बनाया जाए। छात्रों की आर्थिक सुविधानुसार पूरी प्रवेश प्रक्रिया में शुल्क केवल एक बार लिया जाए। साथ ही परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। कॉमन काउंसलिंग प्रक्रिया होने से छात्रों को आसानी होगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मिले अभाविप के प्रतिनिधिमंडल में अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय मंत्री हुश्यार मीणा,साक्षी सिंह, राकेश दास, बिराज विश्वास, वीरेंद्र सोलंकी, मुस्तफा अली, अंकिता पवार, राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह तथा अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री शामिल रहे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने सीयूईटी कॉमन काउंसलिंग के विषय पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है।