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काशी हिंदू विवि परिसर को विभाजित करने के निर्णय को लिया गया वापस, अभाविप ने किया स्वागत

छात्रशक्ति डेस्क

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय परिवार के विरोध के दबाव में परिसर विभाजन के प्रस्ताव को वापस लिए जाने का स्वागत किया है। अभाविप ने पुलिस प्रशासन से आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जांच को तेज़ कर दोषियों को सजा देने की मांग की है।अभाविप ने पुलिस से यह मांग भी की है कि दोषियों को जल्द चिन्हित कर ऐसी कार्रवाई की जाए जिससे समाज में सख्त संदेश जाए एवं भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो

ज्ञात हो कि अभाविप तथा विश्वविद्यालय परिवार के विभिन्न सदस्य बीएचयू प्रशासन के परिसर विभाजन के प्रस्ताव का लगातार विरोध कर रहे थे, रविवार देर शाम प्रशासन ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए दीवार बनाने के निर्णय से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। अभाविप ने अपने मत को स्पष्ट करते हुए कहा है कि सम्पूर्ण परिसर की सुरक्षा का समाधान परिसर का विभाजन करना नहीं अपितु सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करना तथा बाहरी अराजक तत्वों पर सख्ती करने से होगा। अभाविप द्वारा दिनांक 3 नवंबर 2023 को केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था संबंधित जो भी मांगे रखी गईं थी विश्वविद्यालय एवं आईआईटी बीएचयू  प्रशासन ने वह सभी मांगे मान ली हैं एवं उन पर क्रियान्वयन भी प्रारंभ कर दिया है।

विद्यार्थी परिषद ने पिछले सप्ताह आईआईटी बीएचयू की छात्रा बहन के साथ हुई छेड़खानी में जल्द दोषियों को चिन्हित कर उनपर सख्त कार्रवाई की मांग की है। छात्रा बहन को न्याय दिलाने तथा परिसर विभाजन मुद्दे पर अभाविप विद्यार्थियों के साथ आंदोलित थी। अभाविप का यह स्पष्ट मत है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के परिसर विभाजन का प्रस्ताव पूर्ण रूप से महामना की एक परिसर में समन्वय के साथ आधुनिक शिक्षा को उपलब्ध कराने के विचार के विपरीत था।अभाविप के कार्यकर्ता व विद्यार्थियों के प्रबल विरोध के चलते इस निर्णय को वापस लिया गया। वहीं दुर्भाग्यपूर्ण यह रहा कि कुछ अन्य छात्र संगठन इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने में लीन थे।

अभाविप के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं बीएचयू इकाई के इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि बीएचयू प्रशासन द्वारा परिसर विभाजन के निर्णय बदलने से छात्र काफी संतुष्ट हैं। हमारा स्पष्ट मत था की परिसर विभाजन का निर्णय उचित नहीं था।अभाविप ने प्रदर्शन कर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सुदृण करने हेतु कई सुझाव एवं मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से की थी जो की शत प्रतिशत मान ली गईं हैं।इसमें सीसीटीवी से ले कर सुरक्षाकर्मियों की बढ़ोतरी एवं बाहरी अराजक तत्वों पर लगाम लगाने की मांग की गई थी।अभाविप विवि प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन से आईआईटी की छात्रा बहन से हुई छेड़खानी प्रकरण की जांच में तेज़ी लाने तथा जल्द दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की मांग करती है। हम यह मांग करते है कि पुलिस ऐसी कार्यवाही करे जिससे ऐसे अपराध करने वालों के मध्य सख्त संदेश जाए। अभाविप निरंतर छात्रा बहन को न्याय दिलवाने विद्यार्थियों के साथ परिसर में आंदोलनरत है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक फायदे के लिए कुछ तथाकथित छात्र संगठनो द्वारा इस मुद्दे को दबाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।इसके लिए वह तमाम प्रकार से परिसर का वातावरण खराब करने में लगे हुए हैं परंतु वह लगातार विफल हो रहे हैं।

इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि छात्र समुदाय के प्रबल विरोध के आगे आखिरकार विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर विभाजन के अतार्किक प्रस्ताव को वापस ले लिया है।इसका हम स्वागत करते है।इस बीच एक गंभीर प्रश्न अभी तक यह है कि आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ छेड़खानी करने वाले अपराधी अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है।इस विषय पर कोई भी ज़िम्मेदार जवाब देने को तैयार नहीं है। हम पुलिस प्रशासन से मांग करते हैं की छेड़खानी के दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए जो की समाज में अपराधियों के लिए सख्त संदेश प्रसारित करे जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।अभाविप पीड़ित छात्रा के साथ हर कदम पर खड़ी है। अभाविप द्वारा प्रशासन से परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु सीसीटीवी कैमरा लगाने,परिसर में सुरक्षाकर्मियों की बढ़ोतरी ,बाहरी अवांछनीय तत्वों के आवागमन पर रोक संबंधित मांग कर रही थी जिस प्रशासन द्वारा मान लिया गया है एवं इस पर कार्य भी शुरू हो गया है। अभाविप संपूर्ण काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों,शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।

 

 

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