अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यूजीसी चेयरमैन को ज्ञापन देकर मॉंग की है कि स्नातक फार्मेसी एप्टिट्यूड टेस्ट (GPAT) उत्तीर्ण करने वाले ऐसे विद्यार्थी जो विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत हैं, उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान करे तथा इस संदर्भ में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी हों। उल्लेखनीय हो कि वर्ष 2023 में स्नातक फॉर्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (जीपीएटी-2023) उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को यूजीसी द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान करना अधिसूचित किया गया है। परन्तु फॉर्मेसी विषय का अध्ययन करा रहे संबद्ध महाविद्यालयों में छात्रवृत्ति के लिए जारी दिशा-निर्देशों में छात्रों को आईडी बनाने और पोर्टल पर डेटा जमा करने से संबंधित कोई जानकारी नहीं है, ऐसी स्थिति में संबद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
स्नातक फॉर्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (जीपीएटी) छात्रवृत्ति मिलने के आश्वासन पर देशभर से लगभग 8000 से अधिक विद्यार्थियों ने महाविद्यालयों में प्रवेश लिया है, विश्वविद्यालय के विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों को जीपीएटी पोर्टल पर पंजीकरण होकर छात्रवृत्ति प्राप्त हो रही है, परन्तु उसी विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय के विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित हो रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से जीपीएटी से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करने की मॉंग की है।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को जीपीएटी छात्रवृत्ति न मिलने से समस्याएं हो रही हैं। अभाविप इस प्रकरण में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति शीघ्र सुनिश्चित करने, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा पंजीकरण की तिथि को एक महीने बढ़ाने तथा यूजीसी द्वारा सरल और उचित दिशानिर्देश, पालन की जाने वाली प्रक्रिया का फ्लो चार्ट जारी करने की मॉंग को लेकर यूजीसी चेयरमैन को ज्ञापन दिया है। हम आशा करते हैं कि विद्यार्थियों के हित विश्वविद्यालय शीघ्र कदम उठाएगा।