अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री तथा बिहार राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निधन होने पर विद्यार्थी परिषद परिवार अत्यंत शोकाकुल है। वर्ष 1983, 1984, 1985 के दौरान सुशील कुमार मोदी जी ने अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री के दायित्व का निर्वहन करने के साथ, आपातकाल के विरुद्ध आंदोलन में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करते हुए देश में छात्र आंदोलन की एक सशक्त पहचान स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आपातकाल के दौरान वे कुख्यात ‘मीसा’ के तहत 5 बार गिरफ्तार हुए तथा देश को आपातकाल की छाया से मुक्त कराने हेतु लगभग 24 महीने जेल में रहे।
व्यवहारकुशलता, संगठनकर्ताभाव तथा मिलनसार व्यक्तित्व श्री सुशील कुमार मोदी जी की पहचान रहा। पहले प्रखर छात्र नेता, तत्पश्चात राजनीति में आने पर कुशल प्रशासक तक की उनकी यात्रा, देश के युवाओं के लिए प्रेरणा है। देश में कर सुधारों को लागू कराने की दिशा में भी उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है।
स्व. सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान तथा राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के निमंत्रित सदस्य प्रा. मिलिंद मराठे ने सभी अभाविप कार्यकर्ताओं की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की सद्गति हेतु प्रार्थना की