अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पटना विश्वविद्यालय से संबद्ध बिहार नेशनल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र हर्ष राज की वामपंथी छात्र संगठन आइसा के गुंडे द्वारा पीटकर हत्या किए जाने के कृत्य की निंदा की और मांग की है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करा संलिप्त सभी दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई हो। देश में निरंतर ऐसी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि वामपंथी छात्र संगठन किस प्रकार से दुर्दांत गुंडों का आश्रय बने हुए हैं। हर्ष राज की हत्या के विरोध में विद्यार्थी परिषद ने बिहार के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन कर कार्रवाई की मॉंग की है।
आइसा तथा एसएफआई जैसे वामपंथी छात्र संगठनों की शैक्षिक माहौल को दूषित बनाने में प्रमुख भूमिका लगातार सामने आ रही है। आइसा के पदाधिकारियों द्वारा इस घटना को लेकर चंदन की प्राथमिक सदस्यता रद्द करने की बात सामने आई है किंतु जिस कुत्सित मानसिकता को लेकर कार्यकर्ता ने हत्या की ऐसी मानसिकता और विचार देने का कार्य तेज़ी से इन वामपंथी संगठनों द्वारा ही किया जा रहा है। ऐसे में किसी एक की प्राथमिक सदस्यता रद्द करने से ऐसी गतिविधियों पर रोक नहीं लगने वाली है अपितु ऐसे छात्र संगठनों पर भी लगाम लगाए जाने की आवश्यकता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि,” पटना विश्वविद्यालय परिवार के छात्र की इस निर्ममता के साथ हत्या किए जाने का कृत्य बेहद शर्मनाक है, अभाविप इस प्रकरण में संलिप्त आइसा छात्र संगठन के कार्यकर्ता के विरुद्ध कठोरमत कार्रवाई करने की मांग करती है। वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा केरल से लेकर बिहार तक इस तरह के कई प्रकरण सामने आ रहे हैं, ऐसे में इन वामपंथी संगठनों की संगठनात्मक कार्यशैली एवं पद्धति की वास्तविकता सामने आ गई है। अभाविप, मृतक छात्र के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करती है। वामपंथियों को शैक्षणिक परिसरों से दूर रखकर ही छात्रों को सुरक्षित रखा जा सकता है।