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दो दिवसीय एग्रीविजन राष्ट्रीय सम्मेलन का दिल्ली में शुभारंभ, देश भर के कृषि क्षेत्र के छात्र, वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ ले रहे हैं भाग

छात्रशक्ति डेस्क

नई दिल्ली : एग्रीविज़न के दो दिवसीय 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नास्क कॉम्प्लेक्स में हुआ। “विकसित भारत में कृषि का योगदान : विजन – 2047” विषय पर आयोजित इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित डॉ तिलक राज शर्मा ( उप महानिदेशक, भा. कृ. अनु. प. एवं निर्देशक भा. कृ.अनु.प.,नई दिल्ली), विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित डॉ राकेश चंद्र अग्रवाल (उप महानिदेशक (शिक्षा) भा. कृ. अनु. प.,नई दिल्ली,श्री आशीष चौहान( राष्ट्रीय संगठन मंत्री, अभाविप) एवं डॉ पुण्यव्रत् सुविमलेंदु पांडेय ( कुलगुरु, डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विद्यालय, समस्तीपुर) एवं वक्ता के तौर पर उपस्थित अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल व एग्रीवीज़न के राष्ट्रीय संयोजक शुभम सिंह पटेल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ किया।

उद्घाटन सत्र के दौरान उपस्थित मुख्य अतिथि डॉ तिलक राज शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि, एग्रीवीज़न का यह राष्ट्रीय सम्मेलन अपने आप में विशिष्ट है। इसकी विशिष्टता इसके विषय से और स्पष्ट होती है जिसे आप सबने चुना है। इस विषय पर पिछले दो वर्ष से लगातार विचार विमर्श चल रहा है। इस सम्मेलन में अभी दो दिन देश के हर एक क्षेत्र से आए कृषि वैज्ञानिक, कृषि छात्र यहां बैठकर मंथन करेंगे जिससे सकारात्मक चीजें निकलकर आएंगी। हमारा देश कभी भी विपन्न नहीं रहा है इस देश में कभी कोई भूखा नहीं मरा है। आज़ादी के बाद से हमारे देश में हरित उत्पादन, खाद्य उत्पादन, दाल उत्पादन एवं बीज उत्पादन में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है। आगे भी हमें कृषि क्षेत्र में नवाचार अपनाते हुए कृषि क्षेत्र को आगे लेकर जाना पड़ेगा तभी जाकर हम विकसित भारत के सपने को साकार कर पाएंगे।

अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि, एग्रीविज़न की यह छोटी सी सार्थक यात्रा एग्रीविज़न के छात्रों की यात्रा है। यह उनके संघर्ष की, मंथन की, चिंतन की एवं सकारात्मक सोच के साथ किए गए कार्य की यात्रा है। हमारे कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी 49 फीसद होना यह प्रदर्शित करता है कि महिलाओं की भागीदारी सिर्फ़ घर के कार्यां तक सीमित नहीं है वें अब आगे बढ़कर समाज के हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। हमारे देश में आज़ादी के बाद समाज के हर क्षेत्र में सतत् विकास हेतु लगातार नीतियां बनीं लेकिन कृषि क्षेत्र में नीति निर्माताओं का थोड़ा सा भी रुझान नहीं दिखा यह हमारे साथ पूरे देश का दुर्भाग्य है। जब हम 2047 के विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं तब हमारा एक विमर्श कृषि विमर्श भी होना चाहिए तब जाके कहीं हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे। इस महत्त्वपूर्ण सम्मेलन के आयोजन हेतु मैं एग्रीविज़न के माध्यम से लगातार कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने एवं कृषि को हर क्षेत्र में लोकप्रिय बनाने का सार्थक प्रयास करने वाले एग्रीविज़न के पूरे सदस्यों को शुभकामनाएं एवं बधाई देता हूं।

एग्रीविज़न के राष्ट्रीय संयोजक शुभम सिंह पटेल ने कहा कि, एग्रीविज़न के दो दिवसीय 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित इस जन समुदाय को देखकर अभिभूत हूं। हमने कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति में इसके बढ़ावा के लिए नीतियों को शामिल करवाया तथा अपने स्तर पर हर तरह से कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने का काम किया। कृषि क्षेत्र के शोधार्थियों के लिए हमने नई प्रकार की छात्रवृत्ति के लिए आवाज़ उठाने एवं उसको लागू करने का काम किया। आज हमारे देश की जीडीपी का 18 फ़ीसद कृषि पर आधारित है इसे हमें आगे लेकर जाना होगा तथा नई तकनीक के साथ समावेश करते हुए निरंतर कृषि को बढ़ावा देना होगा तब जाकर कहीं हमारे विकसित भारत बनने का संकल्प पूरा हो सकेगा।

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