अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को शुक्रवार को बड़ी जीत मिली है। दरअसल अभाविप ने खालसा कॉलेज प्रशासन द्वारा डूसू कॉलेज को नन डूसू कॉलेज में डालने के निर्णय को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित किया और कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों को डूसू के चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दें। न्यायालय के इस निर्णय को अभाविप बड़ी जीत के रूप में देख रही है।
बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रचित राय व उत्कर्ष भट्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर कर खालसा प्रबंधन समिति के अंतर्गत आने वाले डूसू कॉलेज श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज एवं श्री गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राचार्यों द्वारा 6 सितंबर को दिशानिर्देश जारी कर कॉलेजों को डूसू से अलग करने के एकपक्षी, तानाशाहीपूर्ण व अवैध निर्णय को खारिज किए जाने की मांग की थी। छात्रों द्वारा इन कॉलेजों द्वारा लिए गए निर्णय को लिंगदोह कमेटी एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमों के विरुद्ध बताया गया एवं उच्च न्यायालय से इस निर्णय को खारिज करने की मांग की गई थी । कॉलेज प्रशासन द्वारा इन कॉलेजों को नन डूसू की श्रेणी में डालने के निर्णय के विरुद्ध अभाविप कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन की स्वीकृति के बिना पारित किए गए इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।