डा. हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर में व्याप्त प्रशासनिक अनियमितताओं और छात्र समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि छात्रों के हितों की उपेक्षा बंद नहीं हुई और मांगे नहीं मानी गईं, तो वह चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
अभाविप कार्यकर्ताओं ने बताया कि पूर्व में कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष विद्यार्थियों के आवागमन के लिए बस सुविधा की मांग कई बार की जा चुकी है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि नए सत्र में प्रवेश प्रारंभ हो चुके हैं, किंतु छात्रावास आवंटन में ‘दूरी संबंधी नियम’ बुन्देलखण्ड क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के साथ विश्विद्यालय अन्याय कर रहा है। संगठन ने इस नियम को तत्काल समाप्त करने की मांग की है। इसके अलावा, लंबे समय से लंबित अनुकंपा नियुक्तियों पर भी अभाविप ने सवाल उठाए हैं। विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर पूर्व कर्मचारियों के परिजनों के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के अभाव को लेकर भी परिषद ने चिंता जताई है। अभाविप कार्यकर्ताओं ने कहा कि योग्य उम्मीदवारों को बाहर किया जा रहा है और साक्षात्कार व स्क्रूटनी के अंक तक सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं। साथ ही आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन भुगतान में हो रही देरी को भी परिषद ने गंभीर मुद्दा बताया।
अभाविप कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द सुधार नहीं करता, तो संगठन आंदोलन करने को बाध्य होगा। परिषद ने कहा कि वह छात्रहित, राष्ट्रहित एवं समाज हित की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष को तैयार है।