देश के सच्चे नायक महात्मा गांधी
बापू के निधन के 72 साल बाद भी उनके विचार और दर्शन आज भी प्रसांगिक है, इसे न केवल भारत के लोगों ने बल्कि विश्वभर के लोगों ने अपनाया है। एक स़च्चे नायक के रूप गांधी जी को न केवल भारत में बल्कि विश्वभर म...
भारतीयता के प्रतिनिधि स्वर गाँधी जी
पिछली सदी के महानायकों में से एक मोहनदास करमचंद गाँधी को देश ने महात्मा के रूप में आदर दिया है। बीसवीं सदी का तीसरा और चौथा दशक तो भारत के राजनैतिक परिदृश्य में भारतीयता के प्रतिनिधि स्वर के रूप में म...
आज़ादी ! टुकड़े वाली या सुभाष वाली ?
भारत में इस समय सबसे ज्यादा बहस राष्ट्रवाद और उसके स्वरुप क्या होना चाहिए, इसको लेकर है । इस समय का राष्ट्रवाद वह राष्ट्रवाद नहीं है जिसकी कल्पना भगत सिंह और सुभाष बाबू ने की थी ऐसा कहकर कुछ लोगों द्व...
शाहीन बाग की बंधक सडक और विरोध का एक्सपेरिमेंट
दिल्ली का एक हिस्सा लगभग कराह रहा है। नहीं मैं, शाहीन बाग में जमें कथित आन्दोलनकारियों की बात नहीं कर रहा हूँ। नागरिकता संशोधन कानून का यदि विरोध हो रहा है, तो देश का बड़ा हिस्सा इस कानून के समर्थन में...
CAA पर डूसू के कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता जे साई दीपक ने दूर की भ्रांतियाँ, दिए छात्रों के सवालों के जवाब
“नागरिकता संशोधन अधिनियम(CAA): इतिहास और भविष्य” विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ द्वारा कैंपस लॉ सेंटर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप सुप्रीम कोर...
छात्रशक्ति जनवरी 2020
अनुच्छेद 370 में संशोधन, रामजन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद जब नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 भी संसद द्वारा पारित हो गया तो वे सभी शक्तियाँ बेचैन हो उठीं जिनके लिये देश में शांति और एकता...
निर्भया के बलात्कारियों व हत्यारों की फांसी की सज़ा के विरुद्ध खड़ा होना दुर्भाग्यपूर्ण : अभाविप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह द्वारा निर्भया के बलात्कारियों व हत्यारों की फांसी की सज़ा के खिलाफ बयान की कड़ी निंदा की है । अभाविप ने कहा है कि यह बयान एक तरह से अपराध...
जेएनयू हिंसा: दुर्घटना नही, एक प्रायोजित षड़यंत्र
सुजीत शर्मा देश के प्रतिष्ठित और चर्चित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय 5 जनवरी की हिंसक घटना के बाद एकबार फिर सुर्खियों मे है। मीडिया, शिक्षा, राजनीति और अब बॉलीवुड जगत में भी जेएनयू, चर्चा और बहस का वि...
बेनकाब हुए जेएनयू के नव – वामपंथी : – डॉ. वंदना झा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 5 जनवरी 2019 के घटनाक्रम ने नववर्ष के प्रथम सप्ताह में खुशियां मना रहे करोड़ों भारतवासियों को झकझोर कर रख दिया। मीडिया की सरगर्मियों ने इसे उछाल कर जन-जन तक पहुँचा दिय...
संस्कार युक्त युवा – नशा मुक्त युवा – विक्रांत खंडेलवाल
किसी भी देश का वर्तमान एवं भविष्य, युवाओं के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है । जिस प्रकार विशाल ऊंची इमारत का निर्माण उसके मजबूत नींव पर ही संभव है उसी प्रकार देश की प्रगति और विकास, संस्कारवान और कर्मठ...