जेएनयू की जनवरी 2020 की हिंसा में छिपा है वामपंथ का असली चेहरा
जेएनयू में 3 से 5 जनवरी ,2020 के बीच घटित हिंसा एक सोची समझी साज़िश थी। वामपंथ जहां कहीं भी सत्ता में रहता है वहां लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाते हुए अधिनायकवादी तथा तानाशाही रवैए अपना लेता है। जेएनयू के...