तमिलनाडु में छात्रा के उत्पीड़न के मामले को लेकर अखिल भारतीय परिषद अवध प्रान्त द्वारा लखनऊ के जी.पी.ओ पर प्रदर्शन किया। तमिलनाडु के तंजावुर जनपद के सेक्रेड हार्ट स्कूल में 12वीं की छात्रा लावण्या को जबरिया धर्मपरिवर्तन एवं आत्महत्या के लिए उकसाने के विरोध में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के दफ्तर के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में लखनऊ में विद्यार्थी परिषद ने प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री निवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे अभाविप कार्यकर्ता
पुलिस पर आरोप है कि उसने कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण बर्ताव किया और फिर अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी, राष्ट्रीय मंत्री मुथु रामलिंगम सहित कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि इस मामले की मुख्य आरोपी नन सागया मैरी(Sagaya Mary) को 18 दिन बाद बेल मिल गई। इस दौरान द्रमुक विधायक इनिगो इरुदयाराज(DMK MLA Inigo Irudayaraj) जेल के बाहर उनका स्वागत करते देखे गए। इस तस्वीर ने तमिलनाडु सरकार की किरकिरी करा दी है।
लावण्या को न्याय दिलाने तक जारी रहेगा आंदोलन
बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। इसके खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। 14 फरवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकने से इनकार कर दिया है। वहीं, तमिलनाडु पुलिस को आदेश दिया कि वो अपनी तरफ से जुटाए सबूत सीबीआई को सौंपे। साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले में बहुत कुछ जांच होनी है, इसलिए वो इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और सीबीआई को नोटिस जारी करके तीन हफ्ते में समय मांगा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अवध प्रांत के प्रदेश मंत्री आकाश पटेल रुद्र ने कहा,”तमिलनाडु सरकार तथा प्रशासन, लावण्या की आत्महत्या के मामले को दबाने के लिए सारे संभव हथकंडे अपना रहे हैं, परंतु अभाविप का प्रत्येक कार्यकर्ता लावण्या को न्याय मिलने तक संघर्षरत रहने के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी गलती और मिशनरियों के दुष्कर्म को छिपाने के लिए राज्य सरकार उच्च न्यायालय के आदेश की भी अवहेलना करने से नहीं चूक रही है। हम लावण्या को न्याय मिलने तक लड़ते रहेंगे।”
क्षेत्रीय छात्रा प्रमुख इश्दीप कौर ने कहा, “तमिलनाडु सरकार ने बर्बरता की हदों को पार कर दिया है। सरकार लावण्या की जांच की आवाज़ को दबाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है। एबीवीपी ने धर्मांतरण के खिलाफ भी आवाज उठाने का ऐलान किया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा प्रियंका ठाकुर ने कहा कि हम भारत में कहते हैं यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः और जब तमिलनाडु में एक छात्रा के साथ ऐसा होता है कि उसे आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ता है और उसके उपरांत अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन में डीएमके सरकार का यह बता पूर्व बर्ताव साथ उनकी मानसिकता को दर्शाता एबीवीपी का यह आंदोलन लावण्या को न्याय जब तक नहीं मिल जाता तब तक जारी रहेगा। प्रदर्शन में अंशुल श्रीवास्तव, नीलू शर्मा, तूलिका श्रीवास्तव, सृष्टि सिंह, मुस्कान उपाध्याय, सलोनी शुक्ला, विदिशा सिंह, अंशिका, अभिषेक सिंह, रोहित सिंह, पुष्पेंद्र बाजपेई, अभिमन्यु सिंह, पुष्पा गौतम, सत्यम मिश्रा, अमन मिश्रा, अजय शुक्ला, पंकज पाठक आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे |