अखिल भारतीय विदयार्थी परिषद ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे युवाओं को राजस्थान सरकार प्रताड़ित कर रही है। अभाविप, राजस्थान सरकार द्वारा लगातार छात्रों तथा युवाओं पर मुकदमे करने, पुलिस द्वारा युवाओं को बेवजह प्रताड़ित करने तथा वीरांगनाओं के अपमान पर कड़ी निंदा निंदा करती है। राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने में राजस्थान सरकार पूर्णतया विफल रही है। कल रविवार को राजस्थान पुलिस ने अभाविप के जयपुर कार्यालय में जबरन घुसने का प्रयास किया, जिससे कांग्रेस नीत प्रदेश सरकार की बौखलाहट साफ हो गई है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में राजस्थान के युवा, प्रदेश सरकार के युवा तथा छात्र विरोधी चरित्र को लगातार सामने ला रहे हैं। प्रदेश के युवाओं की आकांक्षाओं को प्रमुखता से उठाने के कारण अभाविप कार्यकर्ताओं के साथ राजस्थान सरकार निरंतर पुलिसिया ज्यादती पर उतारू हो गई है तथा अलग-अलग प्रकार से युवाओं को प्रताड़ित करने का प्रयास कर रही है।
युवाओं को झूठे मुकदमें में फंसा कर लगातार प्रताड़ित कर रही है राजस्थान सरकार : याज्ञवल्क्य शुक्ल
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि युवाओं के साथ राजस्थान सरकार लगातार दुर्व्यवहार कर रही तथा छात्रों की मांगों पर अशोक गहलोत ने मौन धारण कर शिक्षा माफियाओं को अपनी मौन स्वीकृति दे दी है, जिसके परिणामस्वरूप रीट परीक्षा सहित विभिन्न परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का खुला रूप सामने है। राजस्थान सरकार द्वारा लगातार युवाओं को झूठे मुकदमे में फंसाने तथा उन्हें प्रताड़ित करने की घटनाएं सामने आ रही हैं,यह अत्यंत निंदनीय तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।
पुलिस द्वारा विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का रेकी करवाया जा रहा है : होशियार सिंह मीणा
अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा कि राजस्थान में बेरोज़गारी, महिलाओं के साथ अपराध तथा भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है,जिसे रोकने के लिए सरकार कोई भी प्रयास नहीं कर रही। वीरांगनाओं के अपमान से अशोक गहलोत सरकार का महिलाविरोधी चरित्र सामने आ गया है। सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए युवाओं पर लाठीचार्ज, झूठे मुकदमे दर्ज करने तथा पुलिस द्वारा आपातकाल के समय की तरह रेकी करवाने जैसे निम्नस्तरीय कृत्य में संलिप्त हो गई है। अभाविप प्रदेश के युवाओं को राजस्थान सरकार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान करती है।