अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 03 अगस्त से 10 अगस्त न्याय पदयात्रा राजस्थान में हो रहे महिला उत्पीड़न, लगातार पेपर लीक से बेरोजगार युवाओं को न्याय दिलाने व भ्रष्टाचार के विरुद्ध की गई थी जिसको अपार जन समर्थन मिला। अभाविप द्वारा किये गये इस न्याय पदयात्रा से मिले जन समर्थन से राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली अशोक गहलोत सरकार बौखला गई है आज कांग्रेस के कार्यकर्ता हो या उनके छात्र संगठन के कार्यकर्ता जहां-जहां कैंपस में जा रहे हैं तो उनसे एक ही सवाल पूछा जा रहा है कि राजस्थान में महिला उत्पीड़न कब रुकेगा निरंतर हो रहे पेपर लीक की घटना कब थमेगी, ऐसे सवालों से परेशान होकर गहलोत सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी हैं।
विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र संघ चुनाव कैंपस सक्रियता के रीढ़ की हड्डी होती है छात्रों के लिए समाज के लिए जागरूक होना विद्यार्थियों की आवाज को उठाना इन सब का माध्यम छात्रसंघ बनता है, जिस प्रकार से कैंपस के छात्रों ने न्याय पदयात्रा में भाग लेकर गहलोत सरकार खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया जिससे सरकार भयभीत होकर नेतृत्व करने की प्रथम पाठशाला छात्र संघ चुनाव प्रतिबंध लगा दिया है, जो विश्वविद्यालय कैंपस में छात्रों के साथ न्यायोचित नहीं है।
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को बंद करना गहलोत सरकार की तानाशाही को दर्शाता है विद्यार्थी परिषद की न्याय पदयात्रा के माध्यम से बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने छात्रसंघ चुनाव बंद कर दिये हैं, अपने स्थापना काल से ही विद्यार्थियों की आवाज बनने वाला एकमात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजस्थान सरकार से प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव की मांग करता है।
अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री होशियार सिंह मीणा ने कहा कि “राजस्थान में हुए महिला उत्पीड़न, पेपर लीक तथा युवाओं को न्याय दिलाने व भ्रष्टाचार के विरुद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा किये गये न्याय पदयात्रा से राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व की अशोक गहलोत सरकार घबरा गयी है, अभाविप के न्याय पदयात्रा में प्रदेश की युवाशक्ति ने एक स्वर में राजस्थान सरकार की विभिन्न विफलताओं की निंदा की है, अपने सरकार के खिलाफ युवाशक्ति के हुँकार से भयभीत होकर अशोक गहलोत सरकार ने विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव को प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है छात्रों का नेतृत्व प्रदान करने वाले छात्रसंघ चुनाव को बन्द करना कांग्रेस की अधिनायकवादी मानसिकता को प्रदर्शित करता है, अभाविप राजस्थान सरकार से प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव की मांग करता है।”
अभाविप जयपुर प्रांत मंत्री शौर्य जैमन ने कहा है कि आज 13 साल बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिंगदोह के नियम याद आ रहे है परंतु राजस्थान में बलात्कार व पेपर लीक जैसी घटना के कारण कानून व्यवस्था की उड़ती धज्जियां मुख्यमंत्री जी को दिखाई नहीं दे रही है। प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव में जब कांग्रेस सरकार के मंत्री व स्वयं अशोक गहलोत के पुत्र द्वारा धनबल और बाहुबल के साथ चुनाव मे दखल देकर यही लोग लिंगदोह के नियमो की धज्जिया उड़ाते है तब मुख्यमंत्री को लिंगदोह स्मरण नहीं आता हैं।