Thursday, May 15, 2025
No Result
View All Result
Rashtriya Chhatra Shakti
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो
Rashtriya Chhatra Shakti
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो
No Result
View All Result
Rashtriya Chhatra Shakti
No Result
View All Result
Home खबर

जेएनयू प्रशासन के नए आचार संहिता का अभाविप ने किया विरोध, बताया असंवैधानिक

अजीत कुमार सिंह by अजीत कुमार सिंह
December 12, 2023
in खबर
जेएनयू हिंसा: दुर्घटना नही, एक प्रायोजित षड़यंत्र

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा लाए गए नए आचार संहिता का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध किया है। अभाविप ने इस आचार संहिता पर विरोध प्रकट करते हुए कहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल ही में छात्रों के लिए एक आचार संहिता जारी की है, जिसमें कुछ तानाशाह और वामपंथियों को सहयोग करने वाले नियम भी शामिल हैं । इस संहिता के कई प्रावधानों ने छात्रों के मौलिक अधिकारों जैसे अपने अधिकारों की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन करने आदि पर प्रतिबन्ध एवं जुर्माना लगाया है, जो छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन और अपनी संवैधानिक मांगों के लिए छात्रों की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने का प्रयास है। इस नियमावली में यह भी कहा गया है की देश विरोधी नारे लगाने पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा, जिसपर अभाविप का मानना है की क्या दस हजार रुपये देकर इतने गंभीर आपराधिक कृत्य को जेएनयू प्रशासन माफ़ कर देगा, क्या इस राशि का भुगतान कर देशविरोधियों को देश के विरुद्ध नारे लगाने की स्वतंत्रता दे देगा जेएनयू प्रशासन? इस प्रकार की नियमावली जेएनयू प्रशासन और वामपंथियों के बीच साठगांठ का भी खुला संकेत देती है।

अभाविप का स्पष्ट मत है कि है की छात्रों की संवैधानिक मांगों के साथ अपनी आवाज उठाना और प्रदर्शन करना छात्रों का मौलिक अधिकार है, इस प्रकार तानाशाही पूर्ण नियमावली लाने से उन्हें अपने अधिकारों के विषय में पक्ष रखने का उचित माध्यम नहीं मिलेगा। साथ ही अभाविप का मानना है की देश विरोधी नारे लगाने जैसे अत्यंत ही गंभीर अपराध की बहुत सामान्य बना देने का प्रयास जेएनयू प्रशासन द्वारा इस नियमावली के माध्यम से किया गया है जो जेएनयू प्रशासन वामपंथ के सांठ गांठ की भी दर्शाता है।

अभाविप जेएनयू के अध्यक्ष उमेश चन्द्र अजमीर का कहना है कि यह आचार संहिता छात्रों के हित में नहीं है। यह छात्रों के सकारात्मक और संवैधानिक अधिकारों एवं मांगों के लिए संगठित होने और अपनी आवाज उठाने से रोकता है जो की पूर्णतया असंवैधानिक है। साथ ही देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों पर गंभीर दंड नियमावली बनाने की आवश्यकता है, जबकि विवि प्रशासन ने इस देश की सुरक्षा से जुड़े अपराध को धन उगाही का साधन बना लिया है और इससे सामान्य अपराधों की श्रेणी में डाल है। अभाविप प्रशासन से आचार संहिता को वापस लेने की मांग करता है जो लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं करती और छात्रों के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय उसका हनन करती है।

वहीं इकाई मंत्री विकास पटेल का कहना है कि यह संहिता स्पष्ट रुप से यह दर्शाता है कि कैसे जेएनयू प्रशासन देशद्रोही नारा लगाने वाले छात्राें का समर्थन कर रही है। जहां पर देशद्रोही नारे लगाने पर छात्रों को यूनिवर्सिटी से बाहर कर देना चाहिए, एवं उनपर न्यायिक जांच करवानी चाहिए, वहीं पर यह तानाशाह जेएनयू प्रशासन उनसे देशद्रोही नारे लगाने का शुल्क वसूल कर उन्हें माफ़ कर दे रही है और ऐसे अपराध दोबारा कर पाने की छूट दे रही है। अभाविप यह मांग करता है कि इस नियमावली को वापस लेते हुए सुधार करने चाहिए तथा देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों पर कठोर दंडात्मक प्रक्रिया के साथ न्यायिक मुकदमा दर्ज करने आदि के नियम जारी करने चाहियें।

Tags: abvpjnu
No Result
View All Result

Archives

Recent Posts

  • ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के ठिकानों पर हमला सराहनीय व वंदनीय: अभाविप
  • अभाविप ने ‘सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल’ में सहभागिता करने के लिए युवाओं-विद्यार्थियों को किया आह्वान
  • अभाविप नीत डूसू का संघर्ष लाया रंग,दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों को चौथे वर्ष में प्रवेश देने का लिया निर्णय
  • Another Suicide of a Nepali Student at KIIT is Deeply Distressing: ABVP
  • ABVP creates history in JNUSU Elections: Landslide victory in Joint Secretary post and secures 24 out of 46 councillor posts

rashtriya chhatrashakti

About ChhatraShakti

  • About Us
  • संपादक मंडल
  • राष्ट्रीय अधिवेशन
  • कवर स्टोरी
  • प्रस्ताव
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो

Our Work

  • Girls
  • State University Works
  • Central University Works
  • Private University Work

आयाम

  • Think India
  • WOSY
  • Jignasa
  • SHODH
  • SFS
  • Student Experience Interstate Living (SEIL)
  • FarmVision
  • MediVision
  • Student for Development (SFD)
  • AgriVision

ABVP विशेष

  • आंदोलनात्मक
  • प्रतिनिधित्वात्मक
  • रचनात्मक
  • संगठनात्मक
  • सृजनात्मक

अभाविप सार

  • ABVP
  • ABVP Voice
  • अभाविप
  • DUSU
  • JNU
  • RSS
  • विद्यार्थी परिषद

Privacy Policy | Terms & Conditions

Copyright © 2025 Chhatrashakti. All Rights Reserved.

Connect with us:

Facebook X-twitter Instagram Youtube
No Result
View All Result
  • मुख पृष्ठ
  • कवर स्टोरी
  • ABVP विशेष
    • आंदोलनात्मक
    • प्रतिनिधित्वात्मक
    • रचनात्मक
    • संगठनात्मक
    • सृजनात्मक
  • लेख
  • पत्रिका
  • सब्सक्रिप्शन
  • आयाम
    • Think India
    • WOSY
    • Jignasa
    • SHODH
    • SFS
    • Student Experience Interstate Living (SEIL)
    • FarmaVision
    • MediVision
    • Student for Development (SFD)
    • AgriVision
  • WORK
    • Girls
    • State University Works
    • Central University Works
    • Private University Work
  • खबर
  • परिचर्चा
  • फोटो

© 2025 Chhatra Shakti| All Rights Reserved.