नई दिल्ली, 23 जून I केरल राज्य में पीएमश्री योजना के क्रियान्वयन की मांग को लेकर जारी आंदोलन के क्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) केरल ईकाई के प्रदेश मंत्री ई. यू. ईश्वरप्रसाद पर तिरुवनंतपुरम में एसएफआई के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए बर्बर हमले के विरोध में आज दिल्ली स्थित केरल भवन पर अभाविप ने जोरदार प्रदर्शन किया।अभाविप ने वामपंथी सरकार पर हमला प्रायोजित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफ़े तथा हमलावरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की। अभाविप का मानना है कि पीएमश्री योजना वंचित एवं जरूरतमंद छात्रों के हित में है और इसके विरोध का कोई औचित्य नहीं है। इस योजना को वैचारिक कारणों से अस्वीकार करना दुर्भाग्यपूर्ण है और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
जानकारी हो कि इस मामले को लेकर गत 18 अप्रैल को अभाविप प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश मंत्री ई. यू. ईश्वरप्रसाद के नेतृत्व में केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी से भेंट कर योजना को लागू करने की मांग की थी, लेकिन केरल सरकार ने मांग को खारिज कर दिया। इसके उपरांत अभाविप लगातार राज्यभर में ज्ञापन, जनजागरण एवं आंदोलन के माध्यम से योजना को लागू करने की मांग करती रही थी। इसी कड़ी में गत 17 जून को सचिवालय मार्च और गत 20 जून को तिरुवनंतपुरम एवं कोझिकोड में काले झंडे दिखाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया। इन लोकतांत्रिक आंदोलनों से घबराई राज्य सरकार, शिक्षा मंत्री और उनके संरक्षण में पल रहे एसएफआई जैसे हिंसक संगठनों ने आंदोलन को कुचलने के लिए योजनाबद्ध षड्यंत्र रचा और गत 21 जून की रात जब प्रदेश मंत्री ई. यू. ईश्वरप्रसाद तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन के निकट एक रेस्टोरेंट में भोजन करने जा रहे थे, उस समय एसएफआई कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। फिलहाल वह आईसीयू में भर्ती हैं।
अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि अभाविप केरल के प्रदेश मंत्री पर हुआ हमला स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केरल की वामपंथी सरकार वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है। प्रशासन और सत्ता की मदद से वह संगठित हिंसा के सहारे छात्र आंदोलनों को कुचलना चाहती है। आज अभाविप ने दिल्ली स्थित केरल भवन पर इसके विरुद्ध विरोध-प्रदर्शन करके केरल सरकार को चेतावनी दी है कि यदि पीएमश्री योजना को लागू नहीं किया गया, दोषियों पर सख़्त कार्रवाई नहीं हुई और शिक्षा क्षेत्र से हिंसा का अंत नहीं किया गया, तो अभाविप देश के कोने-कोने में इसके विरोध में आंदोलन करेगी।