चीनी विस्तारवाद का कीमत और अंजाम तय करता 2020 का भारत
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75 वें अधिवेशन में बोलते हुए चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि विस्तारवाद और अतिक्रमण कभी भी चीन की राष्ट्रीय भावना नहीं रही है। लेकिन उन्हें कोई याद दिलाता कि जब वे बोल रहे थे तब...
एन.एस.सी.एन. – आईएम की आड़ में चीन का भारत में हस्तक्षेप
लम्बे समय से भारत सरकार के समक्ष नागालैंड के स्वयम्भू प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नागालैंड (एन०एस०सी०एन० -आईएम)) को किसी भी तरह से नागालैंड का एक मात्र प्रतिनिधि नहीं मान...
माटी का लाल: लाल बहादुर शास्त्री – एक अनुकरणीय जीवन
पूर्व प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती विशेष भारत जैसे प्रचुर मानव सम्पदा वाले देश में जहाँ अनेकों ऐसे उदाहरण मिलते रहे हैं, जब समाज के बेहद साधारण वर्ग से अपने जीवन की शुरूआत करके किस...
गांधी और आज
गांधी की प्रासंगिकता सनातन के बारे में हमारी समझ पर निर्भर करती है। यदि सनातन की अनुभूति एवं अभिव्यक्ति को अपरिवर्तनीय, रूढ़ और ठहरा हुआ मान लिया जाए तो गांधी की प्रासंगिकता का अलग चित्र उभरेगा। इसके...
पंडित दीनदयाल उपाध्याय और एकात्म मानव-दर्शन
सहृदयता, बुद्धिमता, सक्रियता एवं अध्यवसायी वृत्ति वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक व्यक्ति नहीं, अपितु एक विचार और जीवन-शैली हैं। भारत और भारतीयता उनके जीवन और चिंतन का आवृत्त हैI राष्ट्रसेवा को सर्वोपर...
देशज चिंतन से सभी समस्याओं का समाधान ढूंढने वाले पं. दीनदयाल उपाध्याय जी
भारत के महान चिंतन परम्परा को विदेशियों के द्वारा धूमिल कर दिया गया हैं ,यही भारत की अवनिति का मुख्य कारण हैं । भारत के सभी समस्याओं का समाधान भारतीय चिंतन तथा संस्कृति में ही निहित हैं, कहीं अन्य...
किसान के भविष्य को दांव पर लगाकर राजनीतिक रोटी सेंकने की साजिश
संसद में पारित हुए किसानों से सम्बंधित तीन विधेयकों ने कोरोना काल में घरों में सिमटी-सिकुड़ी राजनीति को सड़कों पर ला खड़ा किया है। कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधाकरण) विधेयक, कृषक (सशक्...
1857 की क्रान्ति की महान योद्धा, महाबीरी देवी वाल्मीकि
भारत के इतिहास में 15 अगस्त 1947 का दिन बहुत ही ख़ास हैं। इसी दिन भारत को अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्रता मिली। गत 15 अगस्त को हर्षोल्लास के साथ देशभर में 74 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। यह एक ऐसा दिन...
नागा शांति-वार्ता की अड़चन
एन.एस.सी.एन.(आईएम) नामक हिंसावादी संगठन ने “नागालिम या ग्रेटर नागालैंड नामक स्वतंत्र राष्ट्र के स्वप्न को बेचते हुए” नागा समुदाय को अनवरत हिंसा और उपद्रव की आग में झोंका है। सन्1988 से लेकर आजतक इन चर...
आपद्-धर्म है ऑनलाइन शिक्षण
संभवतः कोरोना-संकट द्वितीय विश्व-युद्ध के बाद विश्व-व्यवस्था में उथल-पुथल मचाने वाली सबसे बड़ी दुर्घटना है। इस आपदा ने जन-धन की अपार हानि की है। इसने जन-जीवन को भी ठप्प कर दिया है और मानव समाज के जीवन-...