पृथ्वी के सरंक्षण में उतनी ही गंभीरता दिखानी होगी जितनी हमने कोरोना से बचाव में दिखाई है
विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है लेकिन हमने अपनी भौतिक सुख-सुविधाओं के चलते इस जीवन को निंरतर खतरा ही पैदा किया है। वर्ष 1969 म...
लॉक डाउन के दौर में अध्ययन- अध्यापन : चुनौतियां एवं अवसर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, कोविड-19 जनित महामारी के परिपेक्ष्य में राष्ट्रीय स्तर पर किए गए लॉक डाउन एवं इसके फलस्वरूप उत्पन्न शिक्षा जगत के समक्ष विद्यमान चुनौतियों से अपना सरोकार समझते हुए परिस्थ...
Extension of lockdown till May 3 imperative : ABVP
ABVP believes that the Central government’s announcement of extending the lockdown till 3 May 2020 to check the spread of COVID-19 is vitally important. It is an indispensable step to prevent the loss...
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और उनके विचारों की प्रासंगिकता
बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने संविधान सभा के भाषण में कहा था – “महोदय, संविधान सभा के कार्य पर नजर डालते हुए नौ दिसंबर,1946 को हुई उसकी पहली बैठक के बाद अब दो वर्ष, ग्यारह महीने और सत्रह दि...
अंबेडकर की वैचारिक विरासत का हकदार संघ
बाबा साहब भीमराव राम जी अंबेडकर वर्तमान सदी के सर्वाधिक चर्चित एवं प्रासंगिक भारतीय विचारकों में से एक हैं। समय-समय पर विभिन्न संगठनों और दलों ने अपनी सुविधानुसार अंबेडकर के विचारों का राजनैतिक उपयोग...
हजारों अपमानो के बाद भी समरसता के लिए संघर्ष करते रहे बाबा साहब
भारत एक प्राचीन देश है जो हजारों लाखों वर्षों से विश्व गुरु और सोने की चिड़िया कहलाता रहा है। देश अपने ज्ञान, विज्ञान, अतुल संपदा के कारण दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता रहा है। जिसे जो चाहिए उसे व...
बाबा साहब भीमराव रामजी अम्बेडकर : एक व्यक्ति कई आयाम
डॉ अम्बेडकर जिनको दलितों का मसीहा कहा जाता हैं क्या वास्तव में वो सिर्फ दलित समाज के ही नेता थे ? इसका विश्लेषण करने की आवश्यकता है। अम्बेडकर के चिंतन को पढ़ने पर ज्ञात होता है, कि उन्होंने मात्र वा...
विराट व्यक्तित्व के धनी – डा. भीमराव आंबेडकर
भीमराव राम जी आंबेडकर केवल भारतीय संविधान के निर्माता एवं करोड़ों शोषित, पीड़ित भारतियों के मसीहा ही नहीं थे बल्कि वे समाज सुधारक, श्रेष्ठ विचारक, चिंतक, अर्थशास्त्री, पत्रकार, धर्म के ज्ञाता, कानून ए...
जालियांवाला बाग की बलिदानी मिट्टी
आज 13 अप्रैल है, वीर भूमि पंजाब में वैशाखी का पर्व मनाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर गुरुओ की बलिदानी परम्परा के वाहक खालसा पन्थ की स्थापना का दिन भी। आज के ही दिन गुरु गोविन्द सिंह जी ने अपने पंच प्यारो...
जालियांवाला बाग नरसंहार की अनकही दास्तां
जलियांवाला बाग नरसंहार शताब्दी वर्ष पर शहीदों को सत सत वंदन “जलियांवाला बाग ये देखो यहां चली थी गोलियां , यह मत पूछो किसने खेली यहां खून की होलियां । एक तरफ बंदूके दन दन एक तरफ की टोलियां, मरने...